Plant Care: आसान नुस्खा, लाजवाब नतीजा, इस एक चीज से पाएं स्वस्थ और हरा-भरा करी पत्ता का पेड़

Plant Care: करी पत्ते का पौधा एक कम रखरखाव वाला पौधा है, लेकिन थोड़ी सी देखभाल के साथ, आप इसे साल भर हरा-भरा और स्वस्थ रख सकते हैं।

Bhawna Choubey
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Plant Care: बहुत लोगों को घर में पेड़ पौधे लगाने का बहुत शौक होता है। अपनी इस शौक के चलते लोग घर में तरह-तरह के रंग-बिरंगे फूलों वाले और तरह-तरह की सब्जियों के पौधे लगाते हैं। वहीं कई घरों में नीम की पट्टी यानी कड़ी पत्ते का पेड़ भी लगाया जाता है। करी पत्ते का पौधा भारतीय व्यंजनों में एक महत्वपूर्ण मसाला है। इसकी पत्तियां स्वादिष्ट और सुगंधित होती हैं, और इनमें कई स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। पतझड़ के बाद, करी पत्ते का पौधा अक्सर अपनी पत्तियां खो देता है और थोड़ा सुस्त हो जाता है। लेकिन, चिंता न करें!एक पीली चीज है जो आपके करी पत्ते के पौधे को फिर से हरा-भरा और स्वस्थ बना सकती है।

वह पीली चीज है: नीम की खली

नीम की खली करी पत्ते के पौधे के लिए एक प्राकृतिक उर्वरक है। यह नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। नीम की खली पौधे की वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने में मदद करती है। इतना ही नहीं नीम की खाली मिट्टी से सूक्ष्मजीवों की गतिविधि को बढ़ाकर जड़ों को मजबूत बनाती है। नीम की थाली में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो पौधे को कीटों और रोगों से बचाते हैं।

मिट्टी में मिलाकर कैसे करें इस्तेमाल

नीम की खली को मिट्टी में मिलाने से करी पत्ता के पौधों को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं। यह मिट्टी की उर्वरता और जल धारण क्षमता को भी बढ़ाता है। नीम की खली को मिट्टी में मिलाने के लिए, निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

1. सबसे पहले, मिट्टी को अच्छी तरह से खोदें।
2. फिर, 1 कप नीम की खली को 10 किलोग्राम मिट्टी में मिलाएं।
3. अंत में, मिट्टी को अच्छी तरह से मिलाएं।

2. तरल उर्वरक बनाने के लिए कैसे करें इस्तेमाल

नीम की खली से तरल उर्वरक बनाकर करी पत्ता के पौधों को पानी दिया जा सकता है। यह पौधों को जल्दी पोषण प्रदान करता है। नीम की खली से तरल उर्वरक बनाने के लिए, निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

1. 1 कप नीम की खली को 10 लीटर पानी में भिगो दें।
2. 24 घंटे बाद, इस मिश्रण को छान लें।
3. इस छाने हुए मिश्रण को पौधों को पानी दें।

3. बीज बोने से पहले कैसे करें इस्तेमाल

नीम की खली को बीज बोने से पहले मिट्टी में मिलाने से करी पत्ता के पेड़ के बीजों का अंकुरण बेहतर होता है। यह बीजों को मिट्टी में मौजूद हानिकारक सूक्ष्मजीवों से भी बचाता है।नीम की खली को बीज बोने से पहले मिट्टी में मिलाने के लिए, निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

1. सबसे पहले, मिट्टी को अच्छी तरह से खोदें।
2. फिर, 1 कप नीम की खली को 5 किलोग्राम मिट्टी में मिलाएं।
3. अंत में, मिट्टी को अच्छी तरह से मिलाएं और बीज बोएं।

4. कीटों से बचाव के लिए कैसे करें इस्तेमाल

नीम की खली का उपयोग करी पत्ता के पौधों को कीटों से बचाने के लिए भी किया जा सकता है। नीम की खली में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो पौधों को कीटों और रोगों से बचाते हैं। नीम की खली से कीटनाशक बनाने के लिए, निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

1. 1 कप नीम की खली को 10 लीटर पानी में भिगो दें।
2. 24 घंटे बाद, इस मिश्रण को छान लें।
3. इस छाने हुए मिश्रण को पौधों पर छिड़काव करें।

इस तरह से भी नीम की खली का उपयोग किया जा सकता है

1 कप नीम की खली को 10 लीटर पानी में मिलाएं।
इस मिश्रण को पौधे की जड़ों में डालें।
महीने में एक बार यह प्रक्रिया दोहराएं।

नीम की खली के अलावा, इन बातों का रखें ध्यान

  • पौधे को नियमित रूप से पानी दें।
  • पौधे को अच्छी तरह से सूखा मिट्टी में लगाएं।
  • पौधे को पर्याप्त धूप दें।
  • पौधे को कीटों और रोगों से बचाएं।
  • इन उपायों का पालन करके, आप अपने करी पत्ते के पौधे को पतझड़ के बाद फिर से हरा-भरा और स्वस्थ बना सकते हैं।

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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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