Plant Care: ऐसा कोई भी इंसान नहीं होगा जिसे गुलाब का फूल ना पसंद हो। कई लोगों को घर में गुलाब के पौधे लगाने का भी बहुत शौक होता है। गुलाब का पौधा ना सिर्फ घर की रौनक बढ़ाता है बल्कि अपनी खुशबू से घर को मन मोहक कर देता है। गुलाब का पौधा लगाना बहुत आसान है लेकिन उसकी देखभाल करना उतना ही मुश्किल होता है। खासतौर पर गर्मियों के मौसम में पौधों की देखभाल करना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है। बहुत लोगों को यह शिकायत रहती है कि गुलाब के पौधे की ग्रोथ रुक गई है, ऐसे में क्या करना चाहिए? अगर आपके भी गुलाब के पौधे की ग्रोथ रुक गई है तो चिंता ना करें, बल्कि संतरे के छिलके की प्राकृतिक खाद बनाकर। संतरे के छिलके गुलाब के पौधों के लिए एक अद्भुत प्राकृतिक खाद बना सकते हैं। यह न केवल पौधे की वृद्धि को बढ़ावा देता है, बल्कि फूलों की संख्या और गुणवत्ता में भी सुधार करता है।
संतरे के छिलके से लिक्विड खाद बनाने की विधि
सामग्री:
2-3 संतरे के छिलके
1 लीटर पानी
विधि:
1. संतरे के छिलकों को अच्छी तरह धोकर छोटे टुकड़ों में काट लें।
2. एक बर्तन में पानी उबालें।
3. उबलते पानी में संतरे के छिलके डालें और 10-15 मिनट तक उबालें।
4. गैस बंद करें और मिश्रण को ठंडा होने दें।
5. ठंडा होने के बाद, छिलकों को छान लें और तरल को एक बोतल में भर लें।
खाद का उपयोग कैसे करें
गुलाब के पौधे को पानी देते समय, इस तरल खाद को पानी में 1:10 के अनुपात में मिलाएं। इस मिश्रण का उपयोग हर 2-3 सप्ताह में एक बार करें।
संतरे के छिलके के क्या-क्या फायदे होते हैं
- संतरे के छिलके में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है। ये पोषक तत्व पौधों की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक होते हैं।
- संतरे के छिलके मिट्टी में जैविक पदार्थ जोड़ते हैं, जिससे मिट्टी की जल धारण क्षमता और पोषक तत्वों की उपलब्धता में सुधार होता है।
- संतरे के छिलकों में लिमोनेन नामक एक यौगिक होता है जो खरपतवारों के विकास को रोकने में मदद करता है।
- संतरे के छिलकों की तीखी गंध कुछ कीटों को दूर रखने में मदद करती है।
- संतरे के छिलकों में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो पौधों को रोगों से बचाने में मदद करते हैं।
- संतरे के छिलकों में मौजूद पोषक तत्व फूलों की संख्या और गुणवत्ता में सुधार करते हैं।
- संतरे के छिलके से बनी खाद पर्यावरण के अनुकूल होती है और रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने में मदद करती है।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)