Plant Care: चिलचिलाती धूप और तपती गर्मी में ऐसे रखें पौधों का ध्यान, अपनाएं ये टिप्स, खिल उठेंगे पौधे

Plant Care: जैसे-जैसे मौसम बदलता है वैसे-वैसे पौधे की देखभाल करने का तरीका बदलता है। अब गर्मियों का मौसम चल रहा है ऐसे में पौधों की देखभाल दोगुनी बढ़ जाती है। इस मौसम में चिलचिलाती धूप और तपती गर्मी के कारण पौधों को कई नुकसान पहुंचते हैं।

भावना चौबे
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Plant Care: गर्मी का मौसम सभी के लिए बहुत मुश्किल भरा होता है। चिलचिलाती धूप और तपती गर्मी से न सिर्फ हम परेशान रहते हैं बल्कि पेड़-पौधे भी काफी परेशान होते हैं। यह एक ऐसा मौसम होता है जब पेड़-पौधों की देखभाल दोगुनी करनी पड़ती है। गर्मी और धूप के कारण नमी का स्तर कम होने लगता है। अक्सर लोगों को यह गलतफहमी रहती है कि गर्मियों के मौसम में पौधों को ज्यादा से ज्यादा पानी देना चाहिए। लेकिन सिर्फ पानी देने से ही पौधे सुरक्षित नहीं रहते हैं। इसके अलावा ऐसी कई चीजे हैं जिन्हें हमें गर्मियों के मौसम में ध्यान में रखनी चाहिए। आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे कि गर्मियों के मौसम में कैसे पौधों का ध्यान रखा जा सकता है, तो चलिए जानते हैं।

गर्मियों के मौसम में कैसे रखें पौधों का ध्यान

सही समय पर डालें पानी

गर्मी के मौसम में, जब तापमान बढ़ जाता है और हवा में नमी कम हो जाती है, पौधों को हाइड्रेटेड रखना मुश्किल हो सकता है। पानी देना निश्चित रूप से नमी बनाए रखने का एक अच्छा तरीका है, लेकिन अत्यधिक पानी देना आपके पौधे के लिए हानिकारक हो सकता है। सुबह जल्दी या शाम को पानी देना सबसे अच्छा होता है, जब तापमान कम होता है और पानी जल्दी वाष्पित नहीं होता है। मिट्टी में अपनी उंगली डालकर जांचें। यदि मिट्टी पहले इंच में सूखी है, तो पानी का समय है। पौधे की जड़ों में पानी डालें, पत्तियों पर नहीं। पत्तियों पर पानी देने से फफूंद रोग हो सकते हैं।यदि आप कम पानी देना चाहते हैं, तो पौधों पर पानी का स्प्रे करें। यह पत्तियों को ठंडा रखने और नमी बढ़ाने में मदद करेगा। रेतीली मिट्टी को अधिक बार पानी देने की आवश्यकता होती है, जबकि मिट्टी वाली मिट्टी को कम बार पानी देने की आवश्यकता होती है। छोटे गमलों में लगे पौधों को बड़े गमलों में लगे पौधों की तुलना में अधिक बार पानी देने की आवश्यकता होती है।


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भावना चौबे

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग रंग होता है, यह इतना चमकदार रंग होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा की कलम में बहुत ताकत होती है, इस कलम की ताकत को बरकरार रखने के लिए हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन से बीए स्नातक किया। मैं अब आगे इसी विषय में DAVV यूनिवर्सिटी से स्नाकोत्तर कर रही हूं। मेरा पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू ही हुआ है। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग, वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली, धर्म इन विषयों पर लिखना अच्छा लगता है।