प्रेमानंद जी की बातें सुनना सभी को बहुत पसंद होता है, वे हर विषय में इतनी अच्छी अच्छी और सटीक बातें बताते हैं कि सभी सुनकर दंग रह जाते हैं और अपना सोच विचार भी बदल देते हैं. प्रेमानंद जी अक्सर पति पत्नी के रिश्तों को लेकर भी कई ऐसी बातें बताते हैं, जिन्हें हर पति पत्नी को अपनाना चाहिए.
प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि पति पत्नी के बीच झगड़े और मतभेद एक बहुत ही सामान्य बात है, लेकिन इन्हें सुलझाना असंभव नहीं है. आज हम आपको इस आर्टिकल की ज़रिए कुछ ऐसे उपाय और सुझाव के बारे में बात करेंगे जो प्रेमानंद जी महाराज ने हर पति पत्नी के लिए दिए हैं.
अच्छे से बातचीत करें (Premanand Maharaj)
प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि पति-पत्नी के झगड़ों की मुख्य वजह बातचीत की कमी होती है. केवल एक बातचीत से ही रिश्ते सुधर सकते हैं.
उनके अनुसार अगर दंपत्ति अपने विचारों और भावनाओं को खुलकर और सही तरीक़े से एक दूसरे के साथ साझा नहीं करते हैं तो ऐसे में दम्पति की गलतफहमियां बढ़ जाती है. झगड़ों का समाधान बातचीत और एक दूसरे को सुनने समझने की कोशिश में ही छिपा हुआ है.
एक दूसरे की भावनाओं को समझने की कोशिश करें
प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि किसी भी रिश्ते में समझ और सम्मान सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण होता है. उनके अनुसार दम्पति को एक दूसरे की भावनाओं और दृष्टिकोण का मान सम्मान करना चाहिए और दोनों पक्ष को एक दूसरे को समझने की कोशिश करनी चाहिए.
जब पति-पत्नी एक दूसरे की भावनाओं की क़दर करते हैं तो रिश्ता और भी ज़्यादा मज़बूत बन जाता है. हमेशा सिर्फ़ ख़ुद की ही बातें नहीं बोलनी चाहिए सामने वाले की भी बातों को पूरे सम्मान से चलना चाहिए.
माफ़ भी करें और माफ़ी भी मांगें
अक्सर देखा जाता है कि पति पत्नी के रिश्तों में हमेशा कोई एक ही सॉरी बोलता है. लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए पति पत्नी को एक दूसरे से माफ़ी माँगने और माफ़ करने की आदत अपनानी चाहिए.
गलती दोनों तरफ़ से होती है इसलिए ऐसा नहीं है कि हमेशा सामने वाला व्यक्ति ही आपसे सॉरी बोलेगा. इसलिए बिना किसी हिचकिचाहट के माफ़ी माँग लेनी चाहिए और माफ़ भी कर देना चाहिए.
प्यार से समझाए
पति-पत्नी का रिश्ता ऐसा रिश्ता है जो प्यार से आगे बढ़ता है. जितना इस रिश्ते में प्यार होता है यह रिश्ता उतना ही गहरा और मज़बूत बनना चाहता है.
इसलिए अगर आपका पार्टनर किसी परेशानी में हैं तो आपको धैर्य और सहनशीलता का पालन करते हुए उनका साथ देना चाहिए. और इस तरह से समझाना चाहिए कि जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं है.