Pseudobulbar Affect: स्यूडोबुलबार इफेक्ट एक ऐसी समस्या होती है जिसमें व्यक्ति अचानक अनियंत्रित रुप से हंसने या फिर रोने लगता है। इससे पीड़ित व्यक्ति अगर हंसता है तो वो कई मिनट तक हंसता रहेगा। वहीं अगर वो रोता है तो कई मिनट तक रोता ही रहेगा। मेडिकल की भाषा में इसे स्यूडोबुलबार एफेक्ट (पीबीए) के रूप में जाना जाता है। स्यूडोबुलबार इफेक्ट नाम की समस्या आमतौर पर एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन की वजह से होती है।
क्या है स्यूडोबुलबार इफेक्ट
स्यूडोबुलबार एफेक्ट आमतौर पर न्यूरोलॉजिकल समस्या होती है। इस समस्या के होने की वजह या तो न्यूरोलॉजिकल स्थितियों होती हैं या किसी प्रकार का चोट होता है। खासतौर पर मस्तिष्क की चोट, अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी बीमारी, मल्टीपल स्क्लेरोसिस या स्ट्रोक के बाद व्यक्ति में इसका खतरा और भी बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति होने पर व्यक्ति अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाता है। अनियंत्रित होकर हंसना या रोना उसके काम में बाधा भी बन सकती है।
स्यूडोबुलबार इफेक्ट के लक्षण
स्यूडोबुलबार इफेक्ट के लक्षणों की बात करें तो बार-बार अनियंत्रित होकर हंसना या रोना स्यूडोबुलबार एफेक्ट के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। वहीं इससे प्रभावित व्यक्ति में हंसने की तुलना में रोने की भावना अधिक देखी जाती है। इससे पीड़ित व्यक्ति कई मिनट तक हंसता या फिर रोता रहता है। वहीं इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति में अक्सर अवसाद के लक्षण भी देखा जा सकते हैं। व्यक्ति को साफ बोलने में भी दिक्कत हो सकती है।
इसके उपचार के उपाय
डॉक्टर बताते हैं कि अभी तक स्यूडोबुलबार एफेक्ट का कोई इलाज नहीं है, लेकिन ऐसी कुछ दवाएं है जो इसे कम करने में मदद कर सकती हैं। वहीं इस उपचार का लक्ष्य हंसने या रोने की आवृत्ति और गंभीरता को कम करना होता है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति के लक्षणों के आधार पर उन्हें कुछ स्थितियों में एंटीडिप्रेसेंट दवाओं की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन यह रोग दिमाग और तंत्रिका संबंधी स्थितियों की वजह से होता है, इसलिए इसे कंट्रोल करना मुश्किल होता है।
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