Relationship tips : क्या आपके रिश्ते में चल रहा है ब्लेम गेम, खुद को बेकार गिल्ट से बचाइये

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। किसी भी रिश्ते (relationship) में हमेशा सिर्फ प्यार ही नहीं होता। होती है तकरार भी, झगड़े भी, मतभेद भी। ये स्वाभाविक मानवीय भावनाएं हैं..हमें गुस्सा आता है, चिढ़चिढ़ाहट होती है, हम खीजते हैं। लेकिन ये सारी नकारात्मक भावनाएं लंबे समय तक नहीं टिकनी चाहिए। अगर ऐसा हो रहा है तो रिश्ते के लिए घातक है। खासकर अगर आपके रिश्ते में ब्लेम गेम (blame game) चल रहा है तो ये बहुत ही संजीदा स्थिति है। किसी भी गलती के लिए या गलती न होने पर भी यदि आपको ही दोषी ठहराने की कोशिश हो रही है तो इस बात को समझिए। अपनी गलती स्वीकार करना हर किसी के लिए आसान नहीं, लेकिन अगर बार बार सामने वाले पार्टनर को दोषी ठहराया जा रहा है तो इससे रिश्ते में दरार आ सकती है।

Relationship tips : अपने पार्टनर से होती है जलन, ये इमोशन रिश्ते को कर सकता है तबाह

  • इस बात पर ध्यान दीजिए कि किसी भी झगड़े के बाद पहले सॉरी कौन बोलता है। अगर ये करने वाले आप है तो समझिए कि आपको हर बार कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। सॉरी बोलना या गलती स्वीकारना अच्छी बात है लेकिन हर बार एक ही पक्ष गलत नहीं हो सकता।
  • किसी तकरार के बाद माहौल को सामान्य करने के लिए किस पार्टनर की क्या भूमिका होती है। क्या आप हमेशा मनाने वाले पक्ष हैं और आपका साथी रूठने वाला।
  • ऐसी ही किसी घटना के बाद कहीं आपका पार्टनर वॉकआउट तो नहीं कर जाता। लंबे समय के लिए घर से बाहर रहना और बात को सुलझाने की बजाय टालना, अच्छा संकेत नहीं।
  • अगर बात बात पर आपकी कमियां निकाली जा रही है, कहा जा रहा है कि आप किसी काम में अच्छे नहीं तो ये आपको अपराधबोध में डालने का तरीका हो सकता है।
  • ये देखने की कोशिश कीजिए कि दिनोंदिन बढ़ते झगड़ों का कोई कारण हैं भी या वो बिना किसी वजह के भी हो रहे हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि आपके रिश्ते में कोई दरार है जो इस नाराजगी का कारण है।
  • अगर हमेशा आपसे ये अपेक्षा की जाए कि आप ही रिश्ता निभाने का दायित्व निभाएं। ऐसे में स्वाभाविक है कि सामने वाले से तो कोई गलती होगी नहीं क्योंकि उसके ऊपर किसी तरह की जिम्मेदारी है ही नहीं।
  • छोटी छोटी बातों को तूल देना और उसके लिए लंबे समय तक अनबन रहना, ये भी एक तरीका है जब सामने वाला आपपर ही सारा दोषारोपण कर रहा होता है।
  • अच्छी बातों का श्रेय खुद ले लेना और किसी भी तरह की चूक के लिए आपको जिम्मेदार ठहराना। अगर हमेशा ऐसा होता है तो समझिए कि आपके साथ ब्लेम गेम खेला जा रहा है।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।