Screen Time: क्या आपके साथ भी हैं बार-बार नींद टूटने की समस्या? ज्यादा स्क्रीन टाइम से हो सकती हैं कई गंभीर समस्याएं

Screen Time: आजकल हमारी जीवनशैली बदल गई है। लेकिन इस बदलती जीवनशैली में कुछ चीजे हमारे लिए अत्यधिक हानिकारक भी हैं। दरअसल आज हम जरूरत से ज्यादा मोबाइल, कंप्यूटर या टीवी का इस्तेमाल करने लगे हैं तो ऐसे में हमें कई गंभीर समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।

Rishabh Namdev
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Screen Time: आजकल हमारा ज्यादातर समय इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स पर ही बीतता हैं। दरअसल आजकल लोगों का स्क्रीन टाइम अत्यधिक बढ़ चुका है। वहीं अब इस स्क्रीन टाइम से हमें बचाव की तरफ बढ़ने का सोचना होगा। दरअसल बड़ते स्क्रीन टाइम से अब कई समस्याएं भी होने लगी हैं। जिन्हे नजरंदाज करना हमारे लिए हानिकारक हो सकता हैं। ऐसे में जरूरी हैं की इसे समय रहते पहचानें और इससे बचाव की ओर बढ़ें। हालांकि आजकल की इस बदलती जीवनशैली में हमारा ज्यादातर काम भी इन गेजेट्स की मदद से ही होता हैं।

आजकल लैपटॉप हमारा एक ऐसा संसाधन हैं गया हैं जिससे हम दूरी नहीं बना सकते हैं लेकिन ऐसे कुछ बचाव हैं जिनकी तरफ हम बढ़ सकते हैं। वहीं आज हम इस खबर में आपको ज्यादा स्क्रीन टाइम से होने वाले खतरों के बारे में जानकारी देने वाले हैं।

स्क्रीन टाइम से बढ़ती हैं आंखों की समस्या:

दरअसल स्क्रीन टाइम ज्यादा होने से सबसे बड़ी समस्या हैं आंखों की समस्या। जब स्क्रीन टाइम ज्यादा हो जाता है तो ऐसे में आंखों को अत्यधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। जिसके चलते आज ज्यादातर लोगों को आंखों की समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं। बड़ते स्क्रीन टाइम से देखा जा सकता हैं की आजकल ज्यादातर लोगों को चश्में लगे हुए दिखाई देते हैं। हालांकि समय रहते हम चश्मा तो लगवा लेते हैं मगर इस समस्या के मुख्य कारण को नहीं जान पाते हैं। वहीं हेल्थ एक्सपर्ट्स की माने तो अक्सर सिरदर्द या आंख पर जोर महसूस होना ये सब मायोपिया के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।

नींद से जुड़ी हो सकती हैं समस्या:

वहीं आंखों को तो इससे समस्या होती ही है लेकिन ज्यादा स्क्रीन टाइम से नींद की समस्या भी अब बढ़ने लगी हैं। दरअसल नींद न आने की समस्याएं ज्यादा स्क्रीन देखते रहने से होती हैं। आपको बता दें की जब हम ज्यादा स्क्रीन टाइम देते हैं तो नींद के लिए आवश्यक मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर प्रभावित होता है। जिसके चकते हमें अच्छी नींद नहीं आने की समस्या बढ़ने लगती हैं। इसके साथ ही बार-बार नींद टूटने की समस्या भी इसी से होती है। वहीं यदि आप भी ऐसे में इन समस्याओं का अनुभव कर रहे हैं तो सोने से कम से कम एक घंटा पहले ही आपको सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद कर देना चाहिए।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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