त्वचा की ताजगी के लिए ‘स्किन फास्टिंग’

Amit Sengar
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जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। चेहरे की सुन्दरता के लिए महिलाएं कई सौंदर्य उत्पादों का उपयोग करती हैं। उनमें से अनेक सौन्दर्य प्रसाधन हमारी त्वचा (Skin) की जरूरतों के अनुरूप नहीं होते, जिसकी वजह से त्वचा पर निशान, एलर्जी आदि हो जाते है। अगर आपको यह अहसास हो रहा है कि महंगे सौन्दर्य प्रसाधनों के बावजूद आपकी त्वचा खराब हो रही है तो आप स्किन फास्टिंग कर सकती हैं।

इससे होती है त्वचा की हीलिंग
दरअसल, स्किन फास्टिंग उसी तरह है, जैसे हम शरीर और आत्मा की शुद्धि के लिए त्योहारों पर व्रत करते हैं। इसमें हम त्वचा को प्राकृतिक रूप में कार्य करने की अनुमति देते हैं। स्किन फास्टिंग का मुख्य उद्देश्य त्वचा की सौन्दर्य प्रसाधनों पर निर्भरता को समाप्त करना है, लेकिन स्किन फास्टिंग में क्लीजिंग, मॉइश्चराइजिंग जैसी त्वचा की मूलभूत हाइजीन को जारी रखना चाहिए।

कब करें
स्किन फास्टिंग एक हफ्ते से लेकर एक महीने तक हो सकती है। इस समय कॉस्मेटिक्स में मौजूद केमिकल्स के त्वचा पर प्रभाव को निष्क्रिय करने में मदद मिलती है। इससे आपको त्वचा की प्राकृतिक प्रवृति के साथ यह पता चलता है कि कौनसा कॉस्मेटिक्स फायदेमंद है, कौनसा नहीं।

कैसे करें
चरणबद्ध तरीके से कॉस्मेटिक्स का प्रयोग बंद करें। पहले सप्ताह में एक बार स्किन फास्टिंग करें। बाद में त्वचा की प्रवृत्ति के अनुरूप इसे बढ़ाएं। सबसे पहले रात्रि में सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग रोक कर त्वचा में प्राकृतिक तेलों से ताजगी पैदा होने दें। सुबह उठते ही चेहरे को गुनगुने पानी से धोएं ताकि त्वचा को नुकसान न पहुंचे। अगर त्वचा शुष्क है तो मॉइश्चराइजर लगाएं।

ध्यान रखने योग्य
>> खयाल रखें कि सनस्क्रीन का उपयोग बंद करेंगी तो धूप से त्वचा में जलन हो सकती है।
>> स्किन फास्टिंग हमेशा सौंदर्य विशेषज्ञ की देखरेख में किया जाना चाहिए।
>> यदि आप कील, मुंहासे, चकत्ते आदि की समस्या से जूझ रही हैं तो स्किन फास्टिंग न करें। ऐसी त्वचा को नियमित पौष्टिक तत्त्व चाहिए।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है। MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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