Sunscreen Tips: भीषण गर्मी और लू का कहर पूरे देश में जारी है। 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान वाले इलाकों में चलने वाली गर्म हवाएं लोगों को परेशान कर रही हैं। इतनी गर्मी में त्वचा को भीषण नुकसान पहुंचता है, खासकर तेज धूप और हानिकारक यूवी किरणों के कारण। सूरज की किरणों से बचने के लिए लोग सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं। गर्मी के दिनों में इसे स्किनकेयर का रामबाण माना जाता है। बाजार में कई तरह की सनस्क्रीन उपलब्ध हैं, जिनमें SPF 30, 50 या 70 का लेबल लगा होता है। लेकिन, हैरानी की बात ये है कि कई बार सनस्क्रीन लगाने के बाद भी टैनिंग हो ही जाती है। आखिर ऐसा क्यों होता है? क्या सनस्क्रीन अपना काम सही से नहीं कर रहा है? आइए, आगे बढ़ने से पहले सनस्क्रीन लगाने के कुछ तरीकों पर गौर करें, जिनको न अपनाने से टैनिंग हो सकती है।
स्किन लगाने के दौरान रखें इन बातों का ध्यान
सनस्क्रीन लगाने के तुरंत बाद बाहर निकलना
सनस्क्रीन लगाना त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सनस्क्रीन लगाने के तुरंत बाद बाहर निकलना गलत है? यह एक आम गलती है जो कई लोग करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सनस्क्रीन अप्रभावी हो सकता है और आपको सनबर्न या टैनिंग का खतरा बढ़ सकता है। सनस्क्रीन में मौजूद सक्रिय तत्वों को त्वचा में पूरी तरह से अवशोषित होने में 20-30 मिनट लग सकते हैं। यदि आप इसे लगाने के तुरंत बाद बाहर निकलते हैं, तो यह आपकी त्वचा पर समान रूप से फैलने और प्रभावी ढंग से काम करने का समय नहीं पाएगा। यदि आप सनस्क्रीन लगाने के तुरंत बाद पसीना आते हैं या पानी में जाते हैं, तो यह सनस्क्रीन को हटा सकता है और आपको सुरक्षा के बिना छोड़ सकता है।
स्किन के अनुसार सनस्क्रीन न चुनना
सनस्क्रीन लगाना त्वचा की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गलत सनस्क्रीन का चुनाव आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है? यह एक और आम गलती है जो लोग अक्सर करते हैं। कई बार लोग अपनी त्वचा के प्रकार पर ध्यान दिए बिना कोई भी सनस्क्रीन खरीद लेते हैं। लेकिन, यह गलत है। हर त्वचा के लिए अलग तरह की सनस्क्रीन होती है। ऑयली त्वचा के लिए जेल आधारित सनस्क्रीन, सूखी त्वचा के लिए मॉइश्चराइजिंग सनस्क्रीन, सेंसिटिव त्वचा के लिए सनस्क्रीन जिसमें सुगंध और रंग न हों। गलत सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से त्वचा में जलन और लालिमा हो सकती है। मुंहासे हो सकते हैं। त्वचा बंद हो सकती है। सनस्क्रीन का असर कम हो सकता है।
सनस्क्रीन केवल गर्मी के मौसम में ही लगाना ये गलत है
यह एक गलत धारणा है कि सनस्क्रीन केवल गर्मी के मौसम में ही लगाना चाहिए। सच तो यह है कि सनस्क्रीन साल भर लगाना चाहिए, चाहे मौसम कैसा भी हो। सूर्य की हानिकारक किरणें पूरे साल मौजूद रहती हैं, भले ही बादल हों या बारिश हो। बर्फ भी सूर्य की किरणों को परावर्तित कर सकती है, जिससे आपकी त्वचा को नुकसान हो सकता है। सर्दियों में भी ठंडी हवा त्वचा को रूखी और संवेदनशील बना सकती है, जिससे सनबर्न का खतरा बढ़ जाता है।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)