Jail Tourism: पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है भारत की ये 6 जेलें, जुड़ा है अनोखा इतिहास, क्या आपने की है यहां सैर

Jail Tourism: भारत में ऐसी कई जेलें हैं जो पर्यटकों के लिए खुली हैं। इन जेलों में से कुछ भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हैं, जबकि अन्य अपनी अनूठी वास्तुकला या कार्यक्रमों के लिए जानी जाती हैं।

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Jail Tourism: जेल शब्द सुनते ही हमारे मन में एक डरावनी तस्वीर उभरती है। लेकिन, भारत में कुछ ऐसी भी जेलें हैं जो पर्यटकों के लिए खुली हैं। इन जेलों में आप कैदी नहीं, बल्कि पर्यटक की तरह घूम सकते हैं। इन जेलों में से कुछ भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हैं, जबकि अन्य अपनी अनूठी वास्तुकला या कार्यक्रमों के लिए जानी जाती हैं। आप खुद ही सोचिए की जेल में घूमना वो भी कैदी के रूप में नहीं, बल्कि एक पर्यटक के रूप में कितना खास और रोचक होगा। इन जेलों में सैर करने या घूमने से आप वहां का इतिहास जान सकते हैं। इसी के साथ चलिए जान लेते हैं कि भारत में वह कौन-कौन सी जेल है जहां पर पर्यटक दूर-दूर से घूमने आते हैं।

भारत में कौन-कौन सी जेल है जहां पर्यटक घूमने आते हैं

1. सेल्युलर जेल, पोर्ट ब्लेयर

सेल्युलर जेल, जिसे काला पानी के नाम से भी जाना जाता है, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित एक जेल है। यह जेल ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को कैद करने के लिए इस्तेमाल की जाती थी। आज, यह जेल एक राष्ट्रीय स्मारक है और पर्यटकों के लिए खुली है। इसे जेल में हर शाम को लाइट और म्यूजिक शो का आयोजन किया जाता है। घूमने का समय यहां सोमवार से शुक्रवार को सुबह 9 से लेकर शाम के 5 तक का रहता है।

2. तिहाड़ जेल, दिल्ली

तिहाड़ जेल दिल्ली में स्थित एक जेल है। यह जेल दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेल है। यह जेल अपनी अनूठी शिक्षा और पुनर्वास कार्यक्रमों के लिए जानी जाती है। पर्यटक जेल के अंदर घूम सकते हैं और कैदियों द्वारा किए गए उत्पादों को खरीद सकते हैं। इस जेल में रहने वाले कैदी तिहाड़ ब्रांड के नाम से कई सारे प्रोडक्ट बनाते हैं। जिन्हें बाजार में बेचा जाता है साथ ही साथ जो भी पर्यटक जेल में घूमने आते हैं वह भी इन सामानों को खरीद सकते हैं।

3. यरवदा जेल, पुणे

यरवदा जेल पुणे, महाराष्ट्र में स्थित एक जेल है। यह जेल महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और बाल गंगाधर तिलक सहित कई प्रमुख भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को कैद करने के लिए इस्तेमाल की जाती थी। आज, यह जेल एक संग्रहालय है और पर्यटकों के लिए खुली है।

4. आगरा जेल, आगरा

आगरा जेल आगरा, उत्तर प्रदेश में स्थित एक जेल है। यह जेल मुगल सम्राट शाहजहाँ के शासनकाल के दौरान बनाई गई थी। यह जेल अपनी ऐतिहासिक वास्तुकला के लिए जानी जाती है। पर्यटक जेल के अंदर घूम सकते हैं और मुगल काल के बारे में जान सकते हैं।

5. हिजली जेल, मिदनापुर

हिजली जेल मिदनापुर, पश्चिम बंगाल में स्थित एक जेल है। यह जेल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी है। यह जेल अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए जानी जाती है। पर्यटक जेल के अंदर घूम सकते हैं और स्वतंत्रता संग्राम के बारे में जान सकते हैं।

6. संगारेड्डी जेल, हैदराबाद

संगारेड्डी जेल, हैदराबाद, भारत में तेलंगाना राज्य की एक जेल है। भारत की आजादी के बाद जेल का इस्तेमाल आम अपराधियों को कैद करने के लिए किया जाता रहा। 2016 में, संगारेड्डी जेल को एक संग्रहालय और पर्यटन स्थल में बदल दिया गया। जेल को अब “हेरिटेज जेल संग्रहालय” के रूप में जाना जाता है। संग्रहालय में जेल के इतिहास, भारत के स्वतंत्रता संग्राम और तेलंगाना राज्य के संस्कृति और विरासत पर प्रदर्शनियां हैं। संग्रहालय में एक पुस्तकालय, एक कला दीर्घा और एक कैफे भी है। संगारेड्डी जेल लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया है। पर्यटक जेल के अंदर घूम सकते हैं और प्रदर्शनियों को देख सकते हैं। वे जेल की कोठरियों, प्रहरीदुर्ग और फांसी की सजा भी देख सकते हैं। संग्रहालय में एक ध्वनि और प्रकाश शो भी है जो जेल के इतिहास को बताता है।

इन जेलों में घूमने के कुछ फायदे हैं जैसे:

1. आप भारत के इतिहास और संस्कृति के बारे में जान सकते हैं।

2. आप स्वतंत्रता सेनानियों और उनके त्याग के बारे में जान सकते हैं।

3. आप जेलों में चल रहे अनूठे कार्यक्रमों के बारे में जान सकते हैं।

4. आप कैदियों द्वारा किए गए उत्पादों को खरीदकर उनकी मदद कर सकते हैं।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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