कल है विश्व दृष्टि दिवस, आइए जानते हैं कैसे रखें अपने आंखों को सुरक्षित, किन कारणों से होता है नुकसान

Shashank Baranwal
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world sight day

World Sight Day: आंखें इंसान के शरीर का सबसे सेंसटिव हिस्सा होता है। आंखों के ही सहारे इंसान सारी दुनिया को देखता है। विश्व में आंखों को लेकर समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। आंखों की समस्या के बचाव के लिए, आंखों की समस्याओं की जागरुकता को बढ़ाने के लिए हर साल अक्टूबर महीने के दूसरे गुरुवार को विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाता है। आंखों को लेकर कई प्रकार की समस्याएं देखने को मिलती हैं। जिसमें आंखों में दर्द, खुजली, दूर की वस्तुएं न दिखाई देना, आंखों में तनाव जैसी तमाम समस्याएं होती हैं। बीमारियों के अलावा खुद की कुछ गलतियां भी होती हैं। जिनके कारण आंखों की समस्याएं हो सकती हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम जानेंगे खुद की किन गलतियों के कारण आंखों की समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

मोबाइल का अधिक उपयोग

बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी अपनी अपनी जरुरत के हिसाब से मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं। जिसके कारण मोबाइल फोन पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। वहीं मोबाइल फोन का जरुरत से अधिक समय के लिए उपयोग करना इंसानों के लिए घातक साबित हो रहा है। इससे आंखों पर बुरा असर पड़ रहा है। जिससे चक्कर आना, धुंधला दिखाई देना आदि समस्याएं उत्पन्न हो रही है।

खानपान में कमी

फास्ट फूड, पोषणयुक्त भोजन न करने से भी आंखों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। आंखों के लिए कुछ रासायनिक तत्वों जैसे जिंक, विटामिन सी, विटामिन ई, ओमेगा3 आदि से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से रोशनी की समस्या नहीं होती हैं। फलों, सब्जियों, अंडे, आंवला आदि का सेवन आंखों के लिए लाभकारी होता है।

धूम्रपान का सेवन

धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक होता है। इसका उल्लेख हर तरह की नशीली और धूम्रपान की चाजों पर होता है। इसका सेवन फेफड़ों के साथ आंखों के लिए भी खतरनाक होता है। सिगरेट और तंबाकू से डायबिटीज संबंधी रेटिनोपैथी, मोतियाबिंद आदि समस्याएं उत्पन्न होने की आशंका होती है। आपको बता दें जो मनुष्य धूम्रपान का सेवन करता है उनमें आम मनुष्य की मुकाबले अंधे होने की चार गुना अधिक संभावना होती है।

चश्में का उपयोग

जिस व्यकित को पावर का चश्मा लगा होता है उसे हरदम इसका उपयोग करना चाहिए यदि वह नहीं करता है तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। वहीं यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे का चश्मा लगाता है तो उसकी आंखों में भी समस्या होने की आशंका रहती है। इसके अलावा कॉन्टेक्ट लेंस का उपयोग करने वाला व्यक्ति यदि उसे  लगाकर सो जाता है तो उसमें धुंधलेपन की समस्याएं होने लगती हैं। क्योंकि कॉन्टेक्ट लेंस के कारण आंखों को ऑक्सीजन नहीं मिलता है। वहीं आंखों को बार बार मलने से भी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न श्रोतों से ली गई है। MP Breaking News किसी भी प्रकार से इसकी पुष्टि नहीं करता है। अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरुर लें।)


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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