Vastu Shastra: नया साल आने को है और हम सब चाहते हैं कि आने वाला समय बीते समय से बेहतर हो। इसके लिए कई कोशिशें की जाती है। न्यू ईयर रिज़ोल्यूशन लिए जाते हैं ताकि अपनी कमियों को सुधारा जा सके। इसी तरह अगर आप अपने घर में भी सुख समृद्धि लाना चाहते हैं तो कुछ उपाय किए जा सकते हैं।
हम बात कर रहे हैं वास्तु शास्त्र की। वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो घर, भवन निर्माण के डिज़ाइन, अंदर की संरचना और उसके आसपास की ऊर्जा के प्रवाह से संबंधित है। यह शास्त्र बताता है कि कैसे घर, कार्यालय या अन्य किसी भी संरचना को इस प्रकार डिजाइन किया जाए कि उसमें सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो और नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सके। वास्तु शास्त्र का उद्देश्य जीवन को शांति, समृद्धि, और सुख से भरपूर बनाना है।
वास्तु शास्त्र का महत्व
वास्तु शास्त्र में यह विश्वास है कि हर स्थान पर ऊर्जा का प्रवाह होता है और सही दिशा में इसे व्यवस्थित करना जरूरी है। जब हम किसी स्थान की वास्तु के अनुसार व्यवस्था करते हैं तो वहां सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जो जीवन में शांति और समृद्धि लाती है। स्तु शास्त्र यह मानता है कि यदि घर या कार्यस्थल की संरचना सही दिशा और विधि से की गई हो, तो वहां के लोग मानसिक रूप से शांत और संतुलित रहते हैं। इससे तनाव, चिंता और मानसिक विकारों को कम किया जा सकता है। आज हम वास्तु के अनुसार बताई गई कुछ बातें जानेंगे।
इन उपायों से घर में लाएं सुख समृद्धि
1. भगवान गणेश की मूर्ति का स्थान : वास्तु के अनुसार भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र को घर के मुख्य द्वार के पास या पूजा स्थल में रखें। विशेष रूप से गणेश की मूर्ति को दरवाजे के बाहर नहीं बल्कि अंदर, उत्तर या ईशान दिशा में रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और समृद्धि का देवता माना जाता है और उनकी उपस्थिति घर में समृद्धि लाती है।
2. जल तत्व का सही उपयोग : वास्तु के अनुसार पानी का प्रवाह घर में धन, समृद्धि और सुख का संचार करता है। खासकर जब यह उत्तर दिशा में होता है। घर के भीतर पानी से जुड़े तत्व जैसे फव्वारे या जल का टंकी को घर के उत्तर दिशा में रखें। जल तत्व समृद्धि का प्रतीक है और उत्तर दिशा से ऊर्जा का प्रवाह होता है।
3. तुलसी का पौधा : घर में तुलसी का पौधा रखना बहुत शुभ माना जाता है। तुलसी के पौधे को घर के आंगन या ईशान कोण में रखें। यह न केवल वास्तु दोषों को दूर करता है, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है।
4. नीले रंग का उपयोग : वास्तु के अनुसार नीला रंग मानसिक तनाव को कम करता है और मन को शांति प्रदान करता है। नीला रंग शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। इसे घर के उत्तर-पूर्व दिशा में या पूजा स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
5. स्वच्छता का महत्व : अव्यवस्था और गंदगी से घर में नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है, जबकि साफ और व्यवस्थित घर में समृद्धि और शांति बनी रहती है। घर की स्वच्छता का वास्तु शास्त्र में विशेष महत्व है। स्वच्छता से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। घर के हर कोने की सफाई और सजावट से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
6. दर्पण का सही स्थान : घर में दर्पण का स्थान भी महत्वपूर्ण होता है। दर्पण को कभी भी बेडरूम या रसोई में नहीं रखना चाहिए। इसे उत्तर या पूर्व दिशा में रखा जाए तो यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, दर्पण से ऊर्जा का प्रतिबिंब होता है जो घर की नकारात्मकता को दूर करने में मदद करता है। लेकिन इसे गलत स्थान पर रखने से नकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है।
7. सूर्य की रोशनी का सही उपयोग : वास्तु शास्त्र के अनुसार, सूर्य की किरणों से घर में नई ऊर्जा का संचार होता है जो समृद्धि और जीवन में प्रगति लाता है। घर में सूरज की रोशनी को अच्छी तरह से प्रवेश करने देना चाहिए, खासकर सुबह के समय। सूरज की पहली किरण को घर में प्रवेश करने देना घर में सकारात्मकता और ऊर्जा लाता है।
(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)