Vegan Diet: आजकल फिट रहने और वजन कम करने के लिए वीगन डाइट को अपनाया जा रहा है। इस तरह की डाइट में सिर्फ फलों और सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आ जानते है कि वीगन डाइट के फायदे के साथ साथ नुकसान भी हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि वीगन डाइट क्या है और इसके क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं।
क्या है वीगन डाइट?
वीगन डाइट एक ऐसी डाइट है जिसमें जानवर या उनके जरिये तैयार किये गए किसी उत्पाद को नहीं खाया जाता है। इनमें डेयरी प्रोडक्ट, दूध, शहद, पनीर, मक्खन, अंडे और मांस जैसी चीजें शामिल हैं। वीगन डाइट में केवल फलीदार पौधे, अनाज, बीज, फल, सब्ज़ियां, नट्स और ड्राए फ्रूट्स शामिल होते हैं। कुछ लोग इसे वेजिटेरियन डाइट कहते हैं लेकिन यह वेजिटेरियन डाइट से बहुत अलग है क्योंकि वेजिटेरियन डाइट में पनीर, मक्खन और दूध, दही जैसी चीजें को खा सकते है।
वीगन डाइट के फायदे
- वीगन डाइट में एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर चीजे जैसे फल और सब्जियों शामिल होती हैं। जो आपको हेल्दी रखने का काम करती हैं वहीं ये चीजें शरीर को जल्दी बीमार होने से बचाती हैं। इसके अलावा वीगन डाइट रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों को दूर रखने में भी मदद करती हैं।
- वीगन डाइट का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें कोलेस्ट्रोल की मात्रा बिल्कुल नहीं होती है। साथ ही इसमें संतृप्त वसा की मात्रा भी काफी कम होती है। जिसकी वजह से कई बीमारियों का जोखिम कम होता है। वीगन डाइट आपके दिल के स्वास्थ को बेहतर बनाए रखने का काम करती हैं।
- वीगन डाइट की वजह से पशु-पक्षियों की जिंदगी को कोई खतरी नहीं होता है वो सुरक्षित रहती है।
- वीगन डाइट आपके फैट को कम करने में बहुत उपयोगी साबित हो सकती है क्योंकि ये आपकी कैलोरी को कम और प्रोटीन सेवन को बढ़ाने में उपयोगी साबित हो सकती है। जो आपके वजन को कम करने में मदद करती है।
वीगन डाइट के नुकसान
- वीगन डाइट के अगर फायदें है तो कुछ नुकसान भी हैं। ये आपकी डाइट से पूरी तरह से पशु उत्पादन चीजों को हटा देती है जिस वजह से शरीर में कई तरह के पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
- शरीर को मिलने वाले कैल्शियम और ओमेगा-3 जैसे विटामिन और मिनरल्स की कमी होने लगती है। जो आपके सेहत को बिगाड़ सकती है। दरअसल कैल्शियम और ओमेगा-3 जैसे विटामिन और मिनरल्स ज्यादातर मांस और डेरी प्रोडक्ट्स से प्राप्त होते हैं।
- शरीर में पोषक तत्वों को पूरा करने के लिए आपको हमेशा अन्य स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है। जिसके परिणाम स्वरुप पाचन तंत्र खराब होने की संभावना बनी रहती है।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)