आखिर क्यों दूसरे की जम्हाई देखकर हमें भी आने लगती है उबासी, वजह आपको भी हैरान कर देगी

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जीवनशैली, डेस्क रिपोर्ट। यदि आप किसी सार्वजनिक स्थान पर जाते हैं और वहां पर कोई इंसान जम्हाई ले लेता है। तो उसके बाद वहां का पूरा नजारा बदल जाता है और एक के बाद एक हर कोई जमाई लेना शुरू कर देता है। तो क्या जम्हाई संक्रामक होती है? क्या यह बीमारी से भी तेज फैलती है? आखिर ऐसा क्यों होता है? दरअसल यह सिर्फ इंसानों में ही नहीं बल्कि ज्यादातर सामाजिक जीव में भी देखने को मिलता है।

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यदि कोई भी जीव ने उबासी ली तो उसके जैसे आस पास वाले भी वैसा ही काम करना शुरू कर देते हैं। स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट के इवोल्यूशनरी बायोलॉजी स्ट एंड्रयू गैलप ने बताया कि जमाई 40 करोड़ साल पहले जबड़े वाली मछलियों की उत्पत्ति के साथ शुरू हुई थी। गैलप के रिपोर्ट के अनुसार जम्हाई का आना फायदेमंद है। यह जीव को सतर्क रखकर सुरक्षित रखता है।

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दरअसल जम्हाई दिमाग और शरीर के बीच होने वाली एक क्रियाशील प्रतिक्रिया है। इसके कारण शरीर खुद को आराम देता है। वहीँ जब हम दूसरे को जम्हाई लेते देखते हैं तो हमारा दिमाग भी एक्टिव हो जाता है और शरीर को संदेश भेजता है। जिसके कारण हम बरबस ही जम्हाई लेने लगते हैं। फिजियोलॉजी एंड बिहेवियर जनरल में प्रकाशित 2014 के एक रिपोर्ट के अनुसार जब शरीर का तापमान ज्यादा होता है, तो इसे ठंडा करने और संतुलन बनाए रखने के लिए जम्हाई आती है।

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जब दिमाग थक जाता है, बोरियत होती है। कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालना होता है, नींद आता है या दवाइयों के साइड इफेक्ट होता है और इसके अलावा डिप्रेशन की वजह से भी जम्हाई आती है। जम्हाई लेना एक जटिल प्रक्रिया है यह कई वजहों से आती है। जब मौसम बदलता है तब भी ऐसा होता है। नींद आने पर या फिर चलते समय भी जम्हाई आता है। असल में यह कॉर्टिकल अराउजल की वजह से होता है। जम्हाई लेने से आप सतर्क होते हैं और आपमें अलर्टनेस आती है।

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गैलप ने कई स्तनधारी और पक्षियों की प्रजातियों में जम्हाई केस स्टडी की और बताया कि जितनी शरीर की लंबाई होती है उतना उसका जटिल दिमाग होता है। उसके हिसाब से उसके अंदर अंदरूनी प्रक्रिया होती है जिसकी वजह से जम्हाई आती है। यह देखकर और सुनकर भी लोगों को जमा ही आ जाती है। बहुत लोगों का मानना है कि जम्हाई लेने से खून में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। जबकि वैज्ञानिक तौर पर ऐसा नहीं है सांस लेना और जम्हाई लेना दो अलग-अलग प्रक्रिया हैं। समुद्री जीव भी जम्हाई लेते हैं। यह मुंह खोलकर जम्हाई तो ले लेते हैं, लेकिन सांस नहीं ले पाते। जिसके कारण इन्हें गिल्स की जरूरत होती है।


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Ram Govind Kabiriya

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