बंद घड़ी में क्यों हमेशा दिखाया जाता है 10:10 समय

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क्या आप जानते हैं: आपने कभी न कभी घड़ी तो खरीदी ही होगी, तो जब आप घड़ी खरीदने शोरूम या दुकान पर गए तब क्या इस बात पर आपका कभी ध्यान गया कि वहां सजी सभी घड़ियों की सुई दस बजकर दस मिनिट के समय पर सेट है। क्या आपके मन में ये सवाल उठा कि आखिर दुनियाभर की बंद घड़ी में ये ही समय क्यों सेट किया जाता है ?

आईये आज आपको इस बात का जवाब बताते हैं…इस बारे में जो सबसे प्रचलित धारणा है वो ये कि 10:10 का समय इसलिए दिखाया जाता है क्योंकि इस समय घड़ी के अविष्कारकर्ता का निधन हुआ था इसलिए उनके सम्मान में घडी निर्माताओं ने इस समय को चुना है, लेकिन वास्तविकता तो ये है कि ये बात तथ्यहीन है और सच नहीं है। एक अन्य मान्यता ये भी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की मृत्यु ठीक इसी समय पर हुई थी इसलिए उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए घड़ियों में ये समय दिखाया जाता है, लेकिन यह जानकारी भी सही नहीं है। अब्राहम लिंकन को 15 अप्रैल 1865 को रात ठीक सवा दस बजे गोली मारी गई थी और अगले दिन सुबह 07:22 बजे उनकी मृत्यु हुई। इस घटना से जुड़े सभी ऐतिहासिक रिकॉर्ड मौजूद हैं जिससे साबित होता है कि ये बात भी केवल हवाहवाई ही है। एक धारणा यह भी है कि हिरोशिमा और नागासाकी पर हमला ठीक इतने बजे ही हुआ था, लेकिन समय के आंकड़े यहां भी मेल नहीं खाता। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान पहला परमाणु बम सुबह ग्यारह बजे और दूसरा दो दिन बाद सुबह सवा आठ बजे गिराया गया था। मतलब ये सारी प्रचलित मान्यताएं असल में भ्रांतियां ही हैं।

दरअसल ऐसा करने के पीछे का मुख्य कारण व्यावसायिक और विज्ञापन पर आधारित है। जब घड़ी को दस बजकर 10 मिनट पर सेट किया जाता है तो मौजूद बाकी सारी वस्तुएं, जैसे ब्रांड का नाम, कंपनी का लोगो साफ नजर आता है। इस बारे में अमरीकी कंपनी टाइमेक्स का कहना है कि घड़ी की सुइयों को एक दूसरे से अधिकाधिक दूर रखने के लिए ऐसा किया जाता है ताकि घड़ी का पटल और इस प्रकार उस पर घड़ी बनाने वाली कंपनी का नाम एवं चिन्ह बिलकुल साफ़ दिखाई दे। इसके लिए पहले घड़ियों में 8 बजकर 20 मिनट दर्शाये जाते थे, लेकिन दूर से देखने पर ये एक उदास चेहरे के सामान दिखता था। इस कारण बाद में इसमें सुइयों का स्थान इस प्रकार तय किया गया कि दूर से देखने से ये एक मुस्कुराता हुआ नज़र आता है। आप ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि दस बजकर दस मिनिट पर जब आपकी नज़र पड़ती है तो घड़ी मुस्कुराती हुई सी दिखती है। ये भी कहा जाता है कि जब घड़ी की सुई 10:10 पर होती है, तो सुइयों की मदद से अंग्रेजी के V का निशान बनता है जो कि विक्ट्री के निशान को दिखाता है। बहरहाल, इन सबमें जो सबसे अधिक मान्यता प्राप्त तथ्य है वो यही कि घड़ी की कंपनी, ब्रांड व चिन्ह को स्पष्ट दिखाने व घड़ी को एक मुस्कुराती हुई तस्वीर के रूप में पेश करने के लिए ही उसपर दस बजकर दस मिनिट का समय अंकित किया जाता है।


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