भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। गर्भावस्था (pregnancy) में महिलाओं के शरीर में कई तरह के परिवर्तन होते हैं जिनका असर उनकी मन:स्थिति पर भी पड़ता है। इसमें से एक है खट्टा खाने की तलब होना। प्रेग्नेंसी में अधिकतर महिलाओं को खट्टा खाने की इच्छा होती है। इसी के साथ अन्य खाने पीने (food craving) की वस्तुओं की क्रेविंग भी बढ़ जाती है। लेकिन ऐसा क्यों होता है, आखिर क्या वजह है कि खट्टी और चटपटी चीज़ें खाने का अचानक ही मन करने लगता है।
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इस समय शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसी कारण अलग अलग तरह की चीजें खाने का मन करता है। जहां तक बात है खट्टा खाने की तो विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा सोडियम की कमी के कारण होता है। प्रेग्नेंसी में शरीर में सोडिम की कमी हो जाती है और इसी वजह से खट्टे की क्रेविंग होने लगती है। सिर्फ खट्टा ही नहीं, एक रिसर्च के मुताबिक 50 से 90 फीसदी महिलाओं को इस काल में अलग अलग तरह के खाद्य पदार्थ की क्रेविंग होती है। इस फूड क्रेविंग के साथ ही उनके स्वाद और सूंघने की क्षमता पर भी असर पड़ता है। अचानक ही किसी चीज से उन्हें एलर्जी महसूस होने लगती है, किसी खाने की सुगंध से उबकाई आने लगती है। वहीं कई महिलाएं ऐसा भोजन पसंद करने लगती है जो उन्हें पहले बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था। प्रेग्नेंसी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण ही ऐसा होता है।
यहां ये बाद ध्यान रखना जरुरी है कि खट्टी चीजें एक सीमित मात्रा में ही खाई जाए। ऐसे समय महिलाएं अचार के अलावा कैरी, इमली, आंवला, नीबू जैसी सिट्रस चीजें खाती हैं। इनसे उन्हें विटामिन्स, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम और कई पोषक तत्व मिलते हैं। लेकिन ध्यान रखने की जरुरत है कि इन्हें बहुत अधिक मात्रा में न खाएं क्योंकि इससे उनकी सेहत पर विपरित असर भी पड़ सकता है। खासकर अचार को लेकर सावधानी बरतें क्योंकि उसमें नमक और अन्य मसाले काफी ज्यादा होते हैं। अगर किसी खास चीज को लेकर महिलाएं अपनी इच्छा पर काबू नहीं रख पा रही है तो ऐसी स्थिति में उन्हें अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।