सर्दियों में खराश की समस्या से परेशान हैं तो अपनाएं ये घरेलू उपाय, जल्द मिलेगी राहत

Shashank Baranwal
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Sore Throat

Sore Throat: सर्दियों में अक्सर शरीर को कई बीमीरियां घेर लेती है। इस मौसम में संक्रमण से संबंधित बीमारियां जैसे सर्दी, खांसी, जुकाम और वायरल जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। जिनमें से एक गले की खराश है। ऐसे में हम कई दवाईयों का सेवन करते हैं लेकिन उससे आराम नहीं मिलता है। ऐसे में कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर आप ऐसी समस्याओं को जल्द से जल्द छुटकारा मिल जाएगा।

तुलसी अदरक की चाय पिएं

अगर आपको भी सर्दियों के मौसम में गले में खराश की समस्या है तो तुलसी और अदरक से युक्त चाय पीना काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए आपको तुलसी की 4-5 पत्तियों और अदरक को मिलकार पानी में अच्छे से उबालना पड़ता है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से गले की खराश जल्द ही छुटकारा मिल जाता है।

दालचीनी और शहद का उपयोग

सर्दियों के मौसम में गले की खराश से छुटकारा पाने के लिए दालचीनी और शहद का उपयोग करना चाहिए। इसके लिए आपको एक चौथाई चम्मच दालीचीनी के पाउडर को पानी में उबालना पड़ता है। वहीं जब यह पानी आधा हो जाए तो इसमें शहद मिला लें। जिसका नियमित रूप से इस्तेमाल करने से गले की खराश समस्या से छुटकारा मिल जाता है।

हल्दी वाला पानी पिएं

सर्दियों में गले की खराश से छुटकारा पाने के लिए हल्दी युक्त पानी का सेवन करना चाहिए। आपको बता दें हल्दी में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। अगर आप इसका नियमित रूप से सेवन करते हैं तो गले की खराश से जल्द ही निजात मिल सकती है।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है। अमल में लाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।)


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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