आजकल जब भी हम किसी नए शहर या देश घूमने जाते हैं, तो होटल हमारे सफर का सबसे जरूरी हिस्सा होता है। आरामदायक बेड, बढ़िया खाना, एसी, टीवी, स्विमिंग पूल और 24 घंटे रूम सर्विस ये सब सुविधाएं ट्रिप को यादगार बना देती हैं। घूम फिर कर आने के बाद आराम करने पर सफर की सारी थकान मिटा देता है। बिजनेस ट्रिप हो, फैमिली वेकेशन हो या दोस्तों संग मस्ती… होटल से यही उम्मीद रहती है कि कमरा साफ-सुथरा मिले। एसी, गर्म पानी, फ्री वाई-फाई, टीवी जैसी सुविधाएं तो अब बेसिक हो गई हैं।
बाहर जाने के बाद ज्यादातर लोग होटल में ही स्टे करना सेफ समझते हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या होटल आपकी सेफ्टी का पूरा ख्याल रखता है। आजकल छिपे हुए कैमरों का सबसे बड़ा खतरा है। कई जगहों से ऐसी खबरें आई हैं कि होटल के कमरों, बाथरूम या चेंजिंग एरिया में हिडन कैमरे लगाए जाते हैं।
रहें सतर्क
ऐसे में आप अपने ही कमरे में आराम कर रहे हों और कोई चुपचाप आपकी हर एक्टिविटी रिकॉर्ड कर रहा हो, जो आपकी सेफ्टी के रुल को ब्रेक करता है। साथ ही यह आगे जाकर भविष्य में आपके लिए बड़ी परेशानी बन सकता है। खासकर महिलाओं और कपल्स के लिए यह भारी चिंता का विषय है। इसलिए जरूरी है कि आप खुद भी सतर्क रहें और कुछ आसान टिप्स की मदद से इन हिडेन कैमरों की जांच करें।
अपनाएं ये टिप्स
- कमरे की सारी लाइटें बंद कर दें और मोबाइल की टॉर्च ऑन कर लो। अब धीरे-धीरे दीवारों, शीशे, टीवी, एसी के वेंट और बाकी जगहों पर टॉर्च घुमाएं। अगर कहीं हल्की चमक या लाल बिंदु नजर आए, तो समझ लिजिए कि वहां कुछ गड़बड़ है। ये कैमरे का लेंस हो सकता है। बता दें कि यह हिडेन कैमरे के बारे में पता लगाने का सबसे आसान तरीका है।
- मोबाइल किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के पास जाता है, तो अजीब सी टिन-टिन या क्रैकलिंग आवाज करता है। ऐसे में कमरे में कॉल लगाकर फोन को शक वाली जगहों पर घुमाएं। अगर ऐसी आवाज सुनाई दे, तो वहां कोई इलेक्ट्रॉनिक चीज छिपी हो सकती है।
- कमरे में घुसते ही चारों तरफ अच्छी तरह देखें। कहीं स्मोक डिटेक्टर गलत जगह पर तो नहीं लगा? या कोई चार्जर, पावर अडैप्टर या नाइट लैम्प अजीब लोकेशन पर तो नहीं रखा? अक्सर कैमरे इन्हीं चीजों में छिपा दिए जाते हैं।
- आजकल ज्यादातर हिडन कैमरे इंटरनेट से जुड़े रहते हैं। मोबाइल में कोई वाई-फाई स्कैनर ऐप डालो और नेटवर्क स्कैन करो। इसमें जो भी अजीब नाम वाले या अनजान डिवाइस दिखें, वो कैमरा भी हो सकते हैं।
- होटलों में लगे शीशे भी कभी-कभी टू-वे मिरर होते हैं। टेस्ट करने का आसान तरीका है, अपनी उंगली शीशे पर लगाओ। अगर उंगली और उसकी परछाई के बीच थोड़ा गैप दिखे, तो शीशा नॉर्मल है। अगर दोनों एकदम जुड़ी दिख रही हैं, तो वो टू-वे मिरर हो सकता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)





