Lokayukta Action : मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने प्रदेश में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस को लेकर सख्त निर्देश अधिकारियों को दिए हैं, इसके बावजूद भी हर दूसरे दिन कहीं न कहीं लोकायुक्त रिश्वतखोर सरकारी मुलाजिमों को घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ रहा है।
सीएम के निर्देश पर लोकायुक्त पुलिस टीम एक्टिव नजर आ रही है, इसी कड़ी में आगर मालवा जिले में उज्जैन लोकायुक्त पुलिस की टीम ने आज सब इंस्पेक्टर को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
पीड़ित ने उज्जैन लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक ऑफिस में दिया आवेदन
उज्जैन लोकायुक्त पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक आगर मालवा जिले के वार्ड नंबर 10 नलखेड़ा के रहने वाले प्रेमचंद पिता रघुनाथ ने एक शिकायती आवेदन एसपी ऑफिस में दिया था जिसमें सब इंस्पेक्टर नानूराम बघेल पर रिश्वत मांगे जाने के आरोप लगाये गए थे।
एसआई ने मांगी 5,000 रुपये की रिश्वत
आवेदक प्रेमचंद ने आवेदन में बताया कि मेरी 16 वर्ष 5 माह की नाबालिग पुत्री मेघा 16 नवंबर 2024 को घर से चली गई थी। जिसकी शिकायत पुलिस थाने में की। पुलिस ने पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच पड़ताल शुरू की तो पता चला कि लड़की मुंबई है तो पुलिस की एक टीम मुंबई गई जहाँ से नाबालिग को पकड़कर आगर मालवा लाया गया। 27 नवंबर 2024 को बच्ची मुझे सुपुर्द कर दी। लेकिन पुलिस ने आरोपी अरुण मालवीय को गिरफ्तार नहीं किया। वहीं सब इंस्पेक्टर बघेल के द्वारा मुझे मुंबई का गाड़ी का खर्चा 19000/- और रास्ते का खर्चा बताया गया इसके एवज में एसआई द्वारा मुझसे 10000/- रुपए की मांग की गई। पुलिस अधीक्षक ने शिकायत का सत्यापन कराया और तो शिकायत सही पाई गई। फिर एक टीम का गठन कर ट्रैप प्लान की गई।
रिश्वत (Bribe) लेते सब इंस्पेक्टर रंगे हाथ गिरफ्तार
ट्रैप दल आज 18 दिसंबर को नलखेड़ा थाने के लिए रवाना हुआ और आज निर्धारित समय पर आवेदक ने आरोपी सब इंस्पेक्टर नानूराम बघेल को रिश्वत की राशि की पहली किश्त 5000 रुपये दिए। वैसे ही लोकायुक्त की टीम ने भ्रष्टाचारी पटवारी को रंगे हाथों पकड़ा लिया। इस पूरे मामले में आरोपी के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। विवेचना में सारे तथ्यों की जांच की जाएगी।
आगर मालवा से गौरव सरवारिया की रिपोर्ट