आगर मालवा, डेस्क रिपोर्ट। MP के आगर मालवा जिले में स्वास्थ्य विभाग (health Department) की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट (Omicron Variants) के बढ़ते डर के चलते 15000 के लगभग लोगों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine Third Doze) का तीसरा डोज लगवा लिया है।हैरानी की बात तो ये है कि जिला प्रशासन इसके लिए लोगों को ही जिम्मेदार ठहरा रहा है।
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दरअसल, आगर मालवा जिले में 424000 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगनी थी। लेकिन अब तक इससे ज्यादा 438800 को अब तक कोरोना वैक्सीन लग चुका है। प्रतिशत के हिसाब से यह लगभग 103.5 होता है। लगभग 14800 लोगों के ज्यादा टीका लगवाने के पीछे प्रशासन का तर्क है कि लोग खुद को बूस्टर करने के लिए मोबाइल नंबर बदल कर फिर से डोज लगवा रहे हैं। हांलाकि कोरोना वैक्सीन रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या पैन कार्ड जैसे कुछ दस्तावेजों में से एक का होना जरूरी है, उसके बाद ही मोबाइल नंबर पर रजिस्ट्रेशन आता है।
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स्वास्थ्य विभाग को जैसे ही इस बात की जानकारी लगी कि लोग पहले डोज के नाम पर बूस्टर डोज लगवा रहे है, अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए और उन्होंने तत्काल प्रभाव से निर्देश दिए कि अब SDM की अनुमति के बिना कोरोना वैक्सीन नहीं लगाया जाएगा। ऐसा हुए बिना वैक्सीन लगने पर यदि किसी व्यक्ति का वैक्सीनेशन प्रथम डोज के लिए होता है तो उसकी रिकवरी ANM व वैरीफायर के मानदेय से करने की बात भी CMHO एस एस मालवीय ने अपने आदेश में लिखी। लेकिन इस आदेश का जारी होते ही विरोध हो गया और उसके बाद उसी दिन इसे निरस्त भी कर दिया गया। अब प्रशासन सारे दस्तावेज जांचने के बाद ही प्रथम डोज लगवायेगा, ऐसी व्यवस्था की जा रही है। लेकिन सवाल यह है कि आखिरकार इतनी बड़ी संख्या में कोरोना के ज्यादा डोज लग कैसे गए।