संगीतकार अनु मलिक को खुश करने जब पुजारियों ने मां बगलामुखी के विश्राम में भी डाला खलल

आगर मालवा| गिरीश सक्सेना | हम ये तो हमेशा सुनते आए है कि हमे कोई गलत कार्य नही करना चाहिए क्योंकि ईश्वर सब जगह व्यापत है और वह लगातार हमे देख रहा है पर जब आप यह सुनेंगे की गलत काम उस भगवान की भक्ति के लिए ही और उन लोगो द्वारा ही किया जाए जिनका काम ही ईश्वर की आराधना से जुड़ा हो तब आप क्या कहेंगे । जी हां ऐसा ही कुछ हुआ है आगर मालवा जिले के नलखेड़ा में स्थित विश्व प्रसिद्द मां बगलामुखी मंदिर में जहां कुछ पुजारियों ने अपने जजमान फ़िल्म संगीतकार अनु मलिक को खुश करने के लिए मंदिर के नियमो को ताख पर रख दिया और हद तो तब हो गई जब जजमान को खुश करने के उत्साह में मां के विश्राम में खलल डालने से भी गुरेज नही किया ।

जी हां पुजारियों ने अनु मलिक को दर्शन कराने के लिए मंदिर गर्भ गृह के पट देर रात 10.40 पर उस समय खोल दिए जबकि नियमानुसार खोले नही जा सकते थे । नियमानुसार ऐसा माना जाता है कि रात 9.30 पर पट बंद होने से लेकर अगली सुबह 5 बजे तक जब पट खोले जाते है उस दौरान मां बगलामुखी का यह विश्राम काल होता है और मंदिर के नियमो के अनुसार इस दौरान कोई भी मंदिर के पट खोलकर गर्भगृह में नही जा सकता है पर यहां इस नियम को दरकिनार कर मुख्य पुजारी के पुत्र भरत पांडा पर उनके जजमान अनु मलिक को दर्शन कराने के आरोप लगे है और यही नही इसके बाद अनु मलिक की हवन रसीद काटे बगैर ही उनसे हवन कराने के आरोप भी यहां के कुछ पुंजारी पर लगे है जबकि मंदिर के विकास के लिए यहाँ होने वाले प्रत्येक हवन के लिए एक निश्चित राशि की रसीद काटना जरूरी होता है ।


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