अशोकनगर, हितेंद्र बुधौलिया। ग्वालियर संभाग की एडिशनल कमिश्नर (Additional Commissioner) सपना निगम आज अशोकनगर जिले (Ashoknagar District) में म्यापुर गांव पहुंची। जहां किसानों ने अपनी बर्बाद हो चुकी फसल को उनके सामने रखा, तो अधिकारी ने फसल देखी एवं उसके बारे सर्वे की बात को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया। वहीं बातों ही बातों में उन्होंने कहा कि वह सर्वे करने नहीं बल्कि पूर्व में बाढ़ एवं अतिवर्षा के दौरान हुये नुकसान के बाद जिला प्रशासन द्वारा बांटे गये मुआवजे को देखने के लिये आई है, कि कही वह राशि गलत तो वितरित नहीं की गई। इस बात को जानकर किसान बड़े मायूस हो गए।
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आपको बता दें कि बाढ़ और भारी बारिश से किसानो की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। लेकिन प्रशासन लगभग खराब हो चुकी फसल के सर्वे एवं मुआवजे की उनकी मांग पर सुनवाई करने की जगह, किसानों को दी जा चुकी फोरी राहत का यह निरीक्षण कर रहा है। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही हजारो किसानों ने कलेक्ट्रेट में अतिबर्षा से खराब हो चुकी फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था।
भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री जगराम सिंह यादव ने बताया क्षेत्र के किसानों को सूचना दी गई थी कि संभाग स्तर के अधिकारी आने वाले हैं एवं गांव का निरीक्षण करेंगे। इसीलिए बहुत से किसान मौके पर पहुंचे। गांव से निकल रही महिला अधिकारी को किसानों ने रोक कर अपनी व्यथा सुनाई। मगर जब उनको मालूम पड़ा कि आधिकारिक तौर पर एडिशनल कमिश्नर का यह दौरा पूर्व में बंट चुके मुआवजे के निरीक्षण का है, तो किसानों को बड़ी मायूसी हुई।
किसानों का कहना है कि उन्होंने एडिशनल कमिश्नर सपना निगम को खेतों की स्थिति बताई है। अतिवर्षा एवं बाढ़ से खराब हो चुकी फसल के बारे में भी उन्हें जानकारी दी। किसानों ने खेतों से सोयाबीन की फसल निकालकर अधिकारी को दिखाई जो पूरी तरह से खराब हो चुकी है। अधिकारी ने फसल खराब होने के कारण जाने एवं पूर्व में भी फसलों के खराब होने की स्थिति की जानकारी ली। एडिशनल कमिश्नर ने इसके फोटो लेने एवं सर्वे संबंधित बात को आगे बढ़ाने का आश्वासन किसानों को दिया है।
बता दें कि कहरब हुई फसलों के हालत ये है कि जिस वक्त एडिशनल कमिश्नर खेतो का मुआयना कर रही थी, उसी समय खराब हो चुकी फसल बाले खेतों में मवेशी उस फसल को खा रहे थे। किसानो ने बताया कि फसल पूरी तरह खराब हो चुकी है, जिसे काटा भी नहीं जा सकता। इसलिय खेतो में मवेशियो को फसल खाने के लिए छोड़ दिया गया।