अशोकनगर/चंदेरी, अलीम डायर। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित गुना की शाखा चंदेरी (Chanderi) के बैंक में एक बड़ा बैंक घोटाला हुआ, जिसके बाद कैशियर (Bank Cashier) ने कुछ दिन पूर्व आत्महत्या (Suicide) कर ली थी। सुसाइड नोट (Suicide Note) कैशियर के घर पर मिलने के पश्चात नोट में दर्शाए गए बिंदुओं में बैंक प्रबंधकों द्वारा बैंक की राशि निकलवाने का जिक्र किया गया था, जिसको लेकर प्रत्येक खाताधारक अपनी जमा राशि को दिखवाने के लिए शाखा में गया परंतु कुछ ही खाता धारक ही अपने खाते का स्टेटमेंट ले पाए। वहीं स्टेटमेंट लेने वाले खाताधारकों के खाते से जमा राशि गायब मिली जबकि उक्त राशि को खाताधारक ने निकाला ही नहीं था, सभी के पैसे उनकी पासबुकों में राशि जमा है जबकि बैंक स्टेटमेंट में उक्त राशि निकल चुकी है।
यह भी पढ़ें…Bhind News : पुलिस चौकी के बगल में दो घरों में चोरी, लाखों का माल उड़ा ले गए चोर
किसी ने खुद पर पेट्रोल डाला, तो किसी फांसी लगाने की कोशिश की
इधर, अपनी राशि गायब होने की वजह से खाताधारकों के सब्र का बांध आज टूट गया, अपनी राशि वापस दिलाने की मांग को लेकर आक्रोशित भीड़ में कुछ खाता धारक मरने-मारने पर उतारू हो गए। पुलिस की मौजूदगी में उपस्थित तत्कालीन शाखा प्रबंधक बृजेश दयाल श्रीवास्तव को भीड़ ने मारने की कोशिश की तथा एक धारक मोहसिन खान के द्वारा पेट्रोल डालकर आत्महत्या करने की कोशिश की गई, तो वहीं चंद्रभान लोधी ग्राम हिरावल निवासी ने बैंक परिसर में गमचे से फांसी लगाने की कोशिश की जिसे मौके पर उपस्थित पुलिसकर्मियों ने रोक लिया। बता दें कि आक्रोशित भीड़ तत्कालीन बैंक प्रबंधक को गाली-गलौज कर कह रहे थे कि इन्हीं के द्वारा हमारी रकम को मिल बांट कर बंदरबांट किया गया है, हमने तो बैंक में पैसे जमा किए थे हमारा पैसा हमें वापस दिलाया जाए ।
मौके पर उपस्थित एसडीओपी लक्ष्मी सिंह एवं तहसीलदार सत्य प्रकाश शुक्ला ने आक्रोशित खाताधारकों को धैर्य से अपनी बात रखने की समझाइश दी और कहां कि आपको जो भी कहना है अथवा शिकायत करना है वह लिखित में पुलिस थाने में आवेदन दीजिए, हम अभी आपके आवेदन पर 420 का मुकदमा बैंक प्रबंधक के विरुद्ध कायम कर लेंगे तब कहीं जाकर भीड़ ने प्रबंधक को पुलिस थाने में जाने दिया।
गौरतलब है कि यदि समय रहते इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकलता है तो जिस तरह आत्महत्या केशियर ने की उसी तरह की अनहोनी चंदेरी में ओर हों सकतीं हैं। जिसका आज प्रयास भी इन ग्राहकों द्वारा किया गया। इसका जिम्मेदार कौन होगा यह सोचनीय पहलू है। जिसकी अपनी जिंदगी भर की कमाई लुट गई हों वो क्या करेगा। क्या फिर जिम्मेदार अधिकारी इसी तरह समझा बुझाकर अपना पल्ला झाड़ कर दूर हो जायेंगे।
जब इस संबंध में आज़ आग का प्रयास करने वाले ग्राहक मोहसिन खान से बात की गई तो उनका कहना था मेरे पापा की छोटी सी एक टेलर की दुकान है जिन्होंने अपना पेट काट कर अपनी जमा पूंजी करीब आठ लाख रुपए इस सहकारी बैंक में जमा कर रखें थे, पर जब स्टेटमेंट्स निकलवाया तो सिर्फ नौ हजार रुपए ही खाते में जमा बता रहे हैं। यदि मेरे साथ अन्याय हुआ तो इस तरह की घटनाएं और भी हों सकतीं हैं। हम तो बर्बाद हो गये अब और कोई हमारे पास चारा नहीं बचा है।