गृहमंत्री ने कहा था कि एक हमारा शास्त्र ही एक ऐसा शास्त्र है, हनुमत कथा हो या भगवत कथा हो आप किसी फिल्म के गाने को चार बार या दस बार से ज्यादा नहीं सुन सकते, किसी फिल्म के डायलॉग को या किसी नेता के भाषण को भी ज्यादा नहीं सुन सकते लेकिन ये हनुमत कथा और ये भगवत कथा मेरे पर दादा भी सुन रहे थे और अब मेरा बेटा भी सुन रहा है इसको हर बार सुनने में वो आनंद आता है जो और किसी में नहीं आता।
इसको सुनने से आत्मा आनंद से भरपूर हो जाती है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो इसमें भी मीन मेत निकालते है। समाज के अंदर ऐसे लोग है जो अमृत वाणी क्या अमृत ही हजम नहीं होता है। गृह मंत्री ने आगे कहते हुए बताया है कि हमारे यहां चार चीज ऐसी है जिसे अमृत बताया गया है। इसमें सबसे पहले शहद आता है। विज्ञान में भी इसे अमृत बताया गया है लेकिन अगर इसे कुत्ता भी चाट ले तो मर जाता है।
वहीं देसी घी को हमारे यहां आयुर्वेद में और विज्ञान में भी अमृत बताया गया है लेकिन मक्खी अगर उस पर बैठकर उसको खाती है तो मक्खी मर जाती है। इसके अलावा जो हमारे यहां औषधि मिश्री होती है, यह मिश्री हमारे यहां औषधि में काम आती है और आयुर्वेद में और विज्ञान में भी इसको औषधि बताया गया है, अमृत बताया गया है लेकिन गधा अगर इसे खा ले तो मर जाता है।
इसी तरह से हमारे यहां नीम को हकीम बताया गया है। कौवा नीम के पेड़ पर ही रहता है। लेकिन नीम की अगर निबोरी खा ले तो कौवा मर जाता है। अब यह चारों चीज है तो अमृत लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं जिनको हजम नहीं होती है। ऐसा ही संतों और महंतों के प्रवचन सुन कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें यह हजम नहीं होता।