पुरानी रंजिश पर चाकु से गोदकर हत्या,24 घंटे के अंदर आरोपी गिरफ्तार

Gaurav Sharma
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बालाघाट, सुनील कोरे। 29 अक्टूबर की शाम लगभग 7 बजे तिरोड़ी थाना अंतर्गत हथोड़ा में पुरानी रंजिश को लेकर हुए विवाद में सतीश मेश्राम की हत्या के मामले में फरार आरोपी 33 वर्षीय राजेन्द्र उर्फ बंटी पिता गुलाब भैराम को तिरोड़ी पुलिस ने गिरफ्तार (Arrested) कर, न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भिजवा दिया गया है।

पुलिस को सूचना मिली थी कि पुरानी झगड़े को लेकर माता चौक में धूरनलाल गौतम के घर के सामने बंटी भैरम और सतीश मेश्राम के बीच विवाद हो गया। जिसमें बंटी भैराम ने चाकुनुमा छुरी सेम सतीश के सीने पर एक के बाद एक तीन वार कर दिया, जिसे बचाने अपनी ओर किसी को आता देख, हमलावर बंटी उर्फ राजेन्द्र, खेत की ओर फरार हो गया। सीने में चाकुनुमा छुरी के हमले से सतीश मेश्राम घटनास्थल में खून से लथपथ में पड़ा था। जिसे परिजन मोटर सायकिल से तिरोड़ी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सक ने प्राणघातक हमले में गंभीर रूप से घायल सतीश को मृत घोषित कर दिया।

घटना की जानकारी मिलने के बाद हत्या जैसे गंभीर मामले में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन और निर्देशन पर तिरोड़ी थाना प्रभारी चैनसिंह उईके ने घटनास्थल का बारिकी से निरीक्षण किया और साक्ष्य एकत्रित कर आरोपी बंटी उर्फ राजेन्द्र के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर विवेचना में लिया।

पुरानी रंजिश पर चाकु से गोदकर हत्या,24 घंटे के अंदर आरोपी गिरफ्तार

घटना के बाद आरोपी की तलाश में जुटी तिरोड़ी पुलिस ने घटना के 24 घंटे भीतर ही आरोपी राजेन्द्र उर्फ बंटी पिता गुलाब भैरम को गिरफ्तार किया। जिसने पुलिस पूछताछ में जुर्म स्वीकार कर लिया। जिसकी निशानदेही पर तिरोड़ी पुलिस ने आरोपी राजेन्द्र उर्फ बंटी के पास से हत्या करने प्रयुक्त की गई छुरी और अन्य सामग्री बरामद कर उसे न्यायालय में पेश किया।

तिरोड़ी थाना अंतर्गत ग्राम हथोड़ा में हुए हत्याकांड मामले में फरार आरोपी को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार करने में पुलिस अधीक्षक एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन तथा एसडीओपी जगन्नाथ मरकाम के नेतृत्व में थाना प्रभारी चैनसिंह उईके, उपनिरीक्षक ब्रजेश मिश्रा, एसआई दिनेश तिवारी, जी.एल. अहिरवार, प्रधान आरक्षक परमानंद भगत, आरक्षक नीरज सनोडिया,. नागेश बघेल, अभिषेक जैन, छत्रपाल बघेल, बबन गौतम, प्रवीण गढ़पाल, लक्ष्मीप्रसाद बघेल, शिवम बघेल, महिला आरक्षक राबिया शेख की भूमिका सराहनीय रही।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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