Balaghat News : 19 प्रत्याशियों ने जमा किया नामांकन, दिव्यांग दिलीप छाबड़ा ने भरा निर्दलीय फार्म

संसदीय चुनाव लड़ने का हौंसला दिखाते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा के समक्ष उन्होंने अपना नामांकन पेश किया। इस दौरान वह सहयोगी के साथ व्हील चेयर की मदद से नामांकन दर्ज करने पहुंचे।

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Balaghat News : बालाघाट संसदीय चुनाव की जंग में उतरने की मंशा पाले 19 प्रत्याशियों ने लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन जमा कर दिया है। 28 मार्च को नाम निर्देशन फार्म की संवीक्षा और 30 मार्च को नाम वापसी के बाद कितने प्रत्याशी मैदान में होंगे और कौन मैदान छोड़ेगा, इसका फैसला हो जाएगा। जिसके बाद 18 लाख मतदाताओं वाली संसदीय क्षेत्र में चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी अपने-अपने लिए जनता से आशीर्वाद मांगे, पहले चरण के इस चुनाव में प्रत्याशी जनता के चरणो में होंगे।

अधिवक्ता और सीए है दिलीप

27 मार्च को नाम निर्देशन फार्म की अंतिम तारीख होने से अब नाम निर्देशन फार्म जमा करने की निर्वाचन प्रक्रिया का समापन हो गया है। जिसके बाद अब नाम निर्देशन पत्रों की जांच और नाम वापसी के बाद चुनावी शोरगुल प्रारंभ हो जाएगा। अब तक 19 प्रत्याशियों की नामांकन प्रक्रिया में पेशे से अधिवक्ता और सीए दिलीप छाबड़ा ने भी अपना नामांकन जमा किया है। भले ही शरीर से वह दिव्यांग हो लेकिन चुनाव लड़ने का हौंसला उन्हें औरो से अलग बनाता है, हालांकि उनका विजन, सांसद बनकर उन लोगों को राहत दिलाना है, जो आज भी पट्टो के अभाव में विस्थापितों जैसी जिंदगी जी रहे है, इसके अलावा उनका संसदीय क्षेत्र के चहुमुंखी विकास को लेकर भी है। संसदीय चुनाव लड़ने का हौंसला दिखाते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा के समक्ष उन्होंने अपना नामांकन पेश किया। इस दौरान वह सहयोगी के साथ व्हील चेयर की मदद से नामांकन दर्ज करने पहुंचे। इस दौरान उनके अधिवक्ता अमन नावानी भी यहां मौजूद थे। दिव्यांग अभ्यार्थी के नामांकन जमा करने पहुंचने पर प्रशासन ने भी संवेदनशीलता के साथ नामांकन प्रक्रिया को पूरा किया।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”