Balaghat News: यूक्रेन में फंसी बेटियों की सुरक्षा को लेकर परिजन भगवान भरोसे

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बालाघाट, डेस्क रिपोर्ट। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो गया है और बमबारी एवं गोलीबारी की आवाज वहां निवासरत लोगो को डरा रही है। ऐसे में मेडिकल शिक्षा के लिए गई बेटियों के वहां फंसे होने पर जिले के तीन परिवार परिवार चितिंत है। हालांकि एक परिवार से संपर्क नहीं हो सका लेकिन बेटी मुस्कान गौतम की मां और प्रगति ठाकरे के माता-पिता के पास युद्ध के इस हालत में बेटी की चिंता को लेकर दुःख बयां करने के लिए शब्द नहीं है।

Balaghat News: यूक्रेन में फंसी बेटियों की सुरक्षा को लेकर परिजन भगवान भरोसेटीवी और अखबारों से युद्ध की आ रही खबरें बेटियों से किसी तरह फोन पर हो रही बात से वहां के हालतों को जानकर परिवार अब बेटियों की सुरक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहा है कि उनकी बेटियों को सकुशल मिला दे। क्योंकि उनकी यूक्रेन में फंसी बेटियों की जानकारी के बाद भी सरकार के किसी जनप्रतिनिधि, स्थानीय सांसद या फिर किसी प्रशासनिक अधिकारी ने उनसे संपर्क तक नहीं किया। जिससे वह किसी तरह बेटियों के सकुलश वापस लौट जाने की भगवान से मिन्नते कर रहे है।

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सरकार हमारी बेटी सुरक्षित ला दो-ममता गौतम
भटेरा निवासी श्रीमती ममता गौतम का टीवी और अखबारों में रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध को लेकर बार-बार मन बैठ जाता है। उनकी चिंता उनकी बेटी को लेकर है। कुछ महिने पहले ही बेटी को डॉक्टर बनाने का सपना पूरा होने से पहले ही उसके पिता का देहांत हो गया। जैसे-तैसे पत्नी ममता गौतम इस दर्द से उभर ही सकी थी कि यूक्रेन में मेडिकल की शिक्षा लेने गई बेटी के रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच फंसे होने की खबर ने उसे और कमजोर कर दिया है। सबसे ज्यादा दुःख मां को इस बात का है कि यूक्रेन में फंसे भारतीयोें को लाने सरकार की देरी। अब तक बेटियों की सुरक्षा को लेकर परिजनों के हालत को जानने किसी जिम्मेदारों ने पूछा नहीं, इसको लेकर भी है।

Balaghat News: यूक्रेन में फंसी बेटियों की सुरक्षा को लेकर परिजन भगवान भरोसे

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प्रेस से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि ना खाने में मन लग रहा है और ना नींद आ रही है। बेटी कैसी होगी, सुरक्षित है या नहीं, इसके बारे में सोचकर हमेशा डर लगा रहता है। बेटी से बीती रात हुई बात में उसने बताया था कि जहां वह है, वहां के हालत बहुत खराब है, जिससे उसे डर लग रहा है, जिसे सुनने के बाद उसका मन, किसी अनजान आशंका से और बैठा जा रहा है। उन्होंने सरकार से प्रार्थना की कि वह बेटियों को सकुशल घर तक पहुंचा दे, यह उनका उपकार होगा।

बेटियों की सुरक्षा के लिए कर रहे भगवान से प्रार्थना-मिलाप ठाकरे
आवासीय स्कूल मोहगांव में शिक्षक मिलाप ठाकरे, घर में अकेले, रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच बेटी की सुरक्षा को लेकर चितिंत है, चूंकि पत्नी सतना में शिक्षक है, वहीं एक और बेटी भोपाल में अध्यनरत है, जिससे वह पारिवारिक रिश्तेदारों के साथ बेटी की सुरक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे है। एक जानकारी के अनुसार यूक्रेन में मेडिकल की शिक्षा हासिल कर रही प्रगति ठाकरे मई 2021 में बालाघाट आई थी। जिसके बाद वह अगस्त को यूक्रेन चली गई थी। इस दौरान तक हालत काफी अच्छे थे। जैसे ही रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध सामने आया। यूक्रेन के फंसे अन्य बच्चों की तरह ठाकरे दंपत्ति के लिए भी बेटी की सुरक्षा को लेकर चिंता स्वाभाविक थी।

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लगातार वह उससे मोबाईल पर संपर्क में हैं। जिसकी सुरक्षित वापसी के लिए परिवार ने एयर टिकिट का इंतजाम किया था लेकिन फ्लाईट कैंसल हो गई और वह फंस गई। अभी भी जहां वह है, हालत ठीक नहीं है। बेटी किसी तरह कैब या बस के सहारे पौलेंड, रोमालिया या हंगरी तक पहुंच जायें तो वह सुरक्षित पहुंच सकती है, लेकिन मीडिया के सामने वीडियो कॉल से बेटी प्रगति से पिता द्वारा की गई बात पर जहां वह है, वह से सुरक्षित निकालने को लेकर असमंजस की स्थिति देखी गई। जिससे जहां पूरा परिवार और रिश्तेदार, चितिंत, परेशान और हताश है, वहीं अब उनका बेटी के सकुशल घर लौटना का एकमात्र विश्वास, अब भगवान पर है और वह भगवान से प्रार्थना कर रहे है कि बेटी को सकुशल घर लौटा दे।

सरकार ने कर दी देरी
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन में मेडिकल शिक्षा हासिल करने गई बेटियो के युद्ध के हालत में फंसे होने पर चितिंत बालाघाट में निवासरत परिवार का गुस्सा भारत सरकार को लेकर भी है, जिन्होंने युद्ध के हालातों के आशंका के मद्देनजर, वहां पढ़ रहे भारतीयों को निकालने में देरी कर दी। बालाघाट में यूक्रेन में फंसी बेटी की सुरक्षा को लेकर चितिंत अभिभावक का कहना था कि जहां अन्य देशो ने युद्ध की आशंका के चलते पहले ही अपने देश के छात्र, छात्राओं को समय पूर्व वापस बुला लिया। वहीं यह काम करने में भारत सरकार ने देरी कर दी। अन्यथा आज यूक्रेन में फंसे प्रदेश के बच्चो की सुरक्षा को लेकर अभिभावक चितिंत नहीं रहते।

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सांसद जी से चर्चा कर बेटियों को सुरक्षित लाने की चर्चा-जितेन्द्र चौधरी
सांसद प्रतिनिधि जितेन्द्र चौधरी ने बताया कि बालाघाट जिले की बेटियों के रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन से बेटियों को सुरक्षित वापस लाने को लेकर चर्चा की गई है। सांसद महोदय ने भी आश्वस्त किया है कि वह इस मामले में केन्द्र सरकार और विदेश मंत्रालय से चर्चा कर बेटियों को सुरक्षित वापस लाने को लेकर चर्चा करेंगे।

नागरिक उड्यन मंत्री सिंधिया ने नहीं उठाया फोन
रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध में फंसी बेटियों को सुरक्षित और सकुशल घर लाने की वापसी पर चितिंत अभिभावक शिक्षक मिलाप ठाकरे ने अपने मोबाईल नंबर से नागरिक उड्ययन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन बार फोन किया, लेकिन ना तो फोन रिसिव किया गया और ना ही कोई कॉल बैक आया। जिससे परिवार की बेटियों को सुरक्षित फ्लाईट से लाने की आस भी धुंधली पड़ गई। हालांकि परिवार ने महंगा किराया देकर परिवार के लिए एयर टिकिट का इंतजाम तो कर लिया है, लेकिन बेटी जल्द लौट जायें, बस यही परिवार की भगवान से प्रार्थना है।

25 से 30 हजार रूपये के किराये में अब लग रहे 70 से 80 हजार
मुस्कान गौतम की मां ममता गौतम और प्रगति ठाकरे के पिता मिलाप ठाकरे की मानें तो पहले आम दिनों में बालाघाट से यूक्रेन तक पहुँचने के लिए 25 से 30 हजार रूपये का खर्चा आता था लेकिन इस बार एयर टिकिट महंगा होने से यह किराया बढ़कर तीन गुना हो गया है। अभिभावकों की मानें तो 70 से 80 हजार रूपये एयर टिकिट में लग गया और बालाघाट घर पहुंचते तक यह खर्च बढ़कर एक लाख हो जायेगा।


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Ram Govind Kabiriya

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