इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। भिक्षुओं से मुक्त करने के लिए इंदौर शहर से नगर निगम जल्द ही मुहीम चालू करने जा रहा है। फिलहाल में दो एनजीओ को फाइनल किया गया है, जिसे पुनर्वास केंद्र बनाया जायेगा। इन पुनर्वास केंद्रों में इन भिक्षुओं को ले जाया जायेगा। इसके लिए अन्य एनजीओ को भी ठेका देने की बात चल रही है। यह टीम इन भिक्षुओं के रहने, खाने -पिने और कपड़ों की व्यवस्था देखेगी।
दरअसल, कुछ समय से एक न्यूज़ एजेंसी लगातार भिक्षुओं से जुडी खबर को प्रमुखता से प्रकाशित करके इंदौर नगर निगम की छवि को धूमिल कर रही थी। इसी से परेशान होकर नगर निगम ने इन भिक्षुओं को पुनर्वास में भेजने के लिए प्लानिंग बना रही है। इंदौर में प्रमुख चौराहों, मंदिर, रीगल का पल और रेलवे स्टैंड जैसे अन्य जगहों पर कई लोग भीख मांगते हैं। जिसमे ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग होते हैं। इसलिए परदेशीपुरा स्थित समाज कल्याण परिसर में नगर निगम ने पुनर्वास केंद्र बनाया हुआ है।
भिक्षुओं के रेस्क्यू के लिए ठेके खोल दिए गए हैं, उम्मीद है जल्द ही किसी एनजीओ से बात बन जाएगी। जल्द काम चालू हो जाये इसके लिए अभी 2 एनजीओ को शुरूआती तौर पर फाइनल कर लिया गया है। यह टीम भिक्षुओं के रहने, खाने पीने और इलाज के लिए जिम्मेदार होगी। इसके अलावा भिक्षुओं को उनके परिवार तक पहुँचाया जाएगा। इसके लिए उनके परिवार को भी ढूंढने की मुहीम शामिल होगी। जो लोग सक्षम होंगे उन्हें प्रशिक्षण देके रोजगार के लिए ले जाया जायेगा। बेसहारा लोगो को आश्रम भेजेंगे जिसका खर्चा नगर निगम उठाएगा।
पुनर्वास केंद्र हुआ तैयार
नगर निगम अफसरों के अनुसार परदेशीपुरा पुनर्वास केंद्र पूरी तरह तैयार हो चुका है। एनजीओ के नियुक्ति के लिए कागजी खानापूर्ति बची है, जो जल्द हो जाएगी। शहर के भिक्षुकों को केंद्र पर लाकर रखने को मुहिम बहुत ही शानदार है। सामाजिक न्याय विभाग भारत सरकार ने यह योजना शुरू की है। इसके लिए देश के 10 शहरों को चिन्हित किया गया है। इसमें इंदौर को भी भिक्षुक मुक्त शहर बनाने के लिए शामिल किया गया है।
कौशल प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया
महिला-पुरुषों के लिए अलग-अलग हॉल का निर्माण किया गया है भिक्षुक पुनर्वास केंद्र में। इसमें कौशल प्रशिक्षण केंद्र और भोजनशाला भी बनाई गयी है। रूचि के अनुसार काम सिखाया जायेगा, ताकि वह भीख मांगने की बजाय काम करके आजीविका चला सकें। केंद्र में आरओ वाटर कूलर लगाने के साथ किचन में अलग से स्टोर रूम बन गया है।