बालाघाट : दक्ष के अपहरण की साजिश का पुलिस ने किया खुलासा, जानें

Amit Sengar
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बालाघाट,सुनील कोरे। गत 25 अगस्त वारासिवनी के मिश्रा नगर से अपह्रत (kidnap) हुए बालक दक्ष गौतम की बरामदगी के बाद पुलिस ने बालक के अपहरण के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिसमें एक युवती, एक नाबालिग सहित दो अन्य आरोपी शामिल है। आरोपियों ने बालक का अपहरण कर 25 लाख रुपए की फिरौती मांगने की योजना बनाई थी। अपहरण के आरोप में गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। आरोपियों के पास से पुलिस ने दो बाइक और तीन मोबाइल जब्त किए हैं। इधर, पुलिस ने भरवेली से रात्रि करीब 10 बजे बरामद कर बालक को उसके परिजनों के सुपुर्द भी कर दिया है।

पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने बताया कि बालक के अपहरण के मामले में पुलिस ने ग्राम सरंडी निवासी हेमलता उर्फ पायल पिता धनीराम राहंगडाले (23), हेमलता के मित्र हट्टा थाना क्षेत्र के ग्राम बूढ़ी निवासी आकाश उर्फ अमन पिता सुखचंद बिसेन (22), इसी ग्राम का एक 15 वर्षीय नाबालिग बालक और किरनापुर थाना क्षेत्र के ग्राम मर्री निवासी कृष्णा पिता बेगलाल पटले (19) को गिरफ्तार किया गया है।

एसपी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि हेमलता अपह्त बालक के पिता ईश्वरी गौतम के ग्राम की है और वह परिजनों से अच्छे से परिचित थी, इसलिए उसने पहले अपने साथियों को परिवार के बारे में पूरी जानकारी देकर दोस्ताना अंदाज में बालक दक्ष के अपहरण की साजिश बनाई। जिनकी योजना थी कि बालक दक्ष का अपहरण कर उसे नागपुर ले जायेंगे, जहां से उसके परिजनो से 25 लाख रूपये बरामद करेंगे। लेकिन लगातार पुलिस के बढ़ते दबाव और सोशल मीडिया एवं मीडिया में इस खबर के आने के बाद आरोपी घबरा गये और जहां हट्टा में वह उसे छिपाने वाले थे, वहां से लेकर आरोपी बालक दक्ष को भरवेली थाने के पास छोड़ गये। जहां से बीती रात्रि जागरूक युसुफ और प्रियंका नाम युवती के माध्यम से पुलिस ने बालक को बरामद कर लिया था।

पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने बताया कि बड़े ही दोस्ताना तरीके से आरोपियों ने बच्चों के बीच रेसिंग का खेल, खेलने की बात कहकर अपने साथ दक्ष को मोटर सायकिल पर बिठाया, जिसके बाद वह वह धीरे-धीरे मोटर सायकिल से दक्ष को लेकर आगे बढ़ने लगे और कुछ दूरी पर जाकर बालक दक्ष का अपहरण कर फरार हो गये। रेसिंग की बात बच्चों से पूछने और जांच के दौरान भी सामने आई थी।

बताया जाता है कि युवती पायल उर्फ हेमलता राहंगडाले, वारासिवनी स्थित सुराना हॉस्पिटल में नर्स थी। जो बालाघाट से आना जाना करती थी। चूंकि एक साल पहले उसे परिजनों ने भी घर से बाहर निकाल दिया था। जिसके बाद से वह अकेली थी। हालांकि पुलिस का मानना है कि जांच अभी जारी है और पूछताछ में और भी जानकारी सामने आ सकती है।

गौरतलब हो कि वारासिवनी के मिश्रा नगर से सात वर्षीय बालक दक्ष पिता ईश्वरी गौतम का दो नकाबपोश अपहरणकर्ताओं ने अपहरण कर लिया था। जिसके बाद गहन छानबीन, सिविल सोसायटी और मीडिया के सहयोग से बालक को देररात ही भरवेली के पास से दस्तयाब कर लिया था।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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