बालाघाट।
लोकसभा चुनाव में विन 29 का लक्ष्य लेकर चल रही कांग्रेस बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने की तैयारी कर रही है।उम्मीदवारों के ऐलान के बाद अब कांग्रेस बीजेपी के कब्जे वाली सीटो पर तबाड़तोड़ दौरे करने शुरु कर दिए है। इसी के चलते आज मंगलवार को कांग्रेस के स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री कमलनाथ बालाघाट लोकसभा में प्रचार प्रचार करेंगें और कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करेंगें।बता दे कि कांग्रेस ने यहां से मधु भगत को उम्मीदवार बनाया है वही बीजेपी ने वर्तमान सांसद बोधसिंह का टिकट काट ढाल सिंह को मैदान में उतारा है।वही नाथ के दौरे से बीजेपी में हलचल पैदा हो गई है।बीजेपी को डर है कि कांग्रेस विरोध का फायदा ना उठा ले।
दरअसल, मध्यप्रदेश में पहले चरण के चुनाव 29 अप्रैल को होना है।इसमें छिंदवाड़ा, सीधी, शहडोल, मंडला, जबलपुर और बालाघाट और छिंदवाड़ा शामिल है। इसी क्रम में कमलनाथ आज बालाघाट लोकसभा में चुनावी प्रचार करने पहुंचेंगें। वे यहां कांग्रेस प्रत्याशी मधु भगत के समर्थन में चुनावी सभा को भी संबोधित करेंगे।खबर है कि नाथ बालाघाट में वारासिवनी, बालाघाट की हट्टा और सिवनी के घनसौर में चुनावी सभा होगी। ये तीनों वो इलाके हैं, जहां 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था।बालाघाट में बीजेपी के गौरीशंकर बिसेन विधायक है तो सिवनी में दिनेश राय मुनमुन और वारासिवनी से निर्दलीय विधायक प्रदी जायसवाल ने जीत हासिल की थी। कमलनाथ की कोशिश है कि बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाई जा सके और यहीं कारण है कि कमलनाथ बीजेपी के गढ़ में हुंकार भरेंगे और कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेंगे।
बता दे कि कांग्रेस ने यहां से मधु भगत को उम्मीदवार बनाया है वही बीजेपी ने वर्तमान सांसद बोधसिंह का टिकट काट ढाल सिंह पर भरोसा जताया है। लेकिन ढालसिंह के मैदान में उतारे जाने से स्थानीय नेताओं मे नाराजगी है। हाल ही टिकट कटने से नाराज बोधसिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और निर्दलीय नामांकन भरा है। पार्टी में इसको लेकर पहले से ही हड़कंप मचा हुआ है। इसी बगावत का कांग्रेस फायदा उठाकर वोटरों को अपनी साइड करने की फिराक है।जिसके चलते खुद मुख्यमंत्री मैदान में उतरने जा रहे है। कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि इस विरोध का फायदा पार्टी को जरुर मिलेगा और जीत भी उन्ही की होगी।
सीएम कमलनाथ के चुनावी कार्यक्रम पर नजर डालें तो.
-11.30 बजे बारासिवनी (बालाघाट) पहुचेंगे
-12 बजे वारासिवनी में आमसभा लेंगे
-12.45 बजे बालाघाट के हट्टा चुनावी सभा लेंगे
-2.15 बजे सिवनी के घनसौर में चुनावी सभा करेंगे
बालाघाट सीट का इतिहास
करीब 25 लाख की आबादी वाले इस क्षेत्र में लगभग 17 लाख 56 हजार 715 मतदाता हैं। यह सीट दो जिलों की ही नहीं, बल्कि दो राज्यों महाराष्ट्र- छत्तीसगढ़ की सीमा से भी जुड़ी है। इस सीट पर 1951 से 1996 तक कांग्रेस का दबदबा रहा है।1998 में भाजपा ने यहां कांग्रेस को हराकर चुनाव जीता तो कांग्रेस फिर यहां वापसी नहीं कर पाई है।1998 में भाजपा से गौरीशंकर बिसेन ने कांग्रेस के विश्वेश्वर भगत को हराकर इस सीट पर खाता खोलकर जीत दर्ज कराई थी। तब से यह भाजपा का अभेद गढ़ बन गई है। यहां कोई एक दल या नेता खास नहीं रहे हैं। इस सीट पर नंदकिशोर शर्मा,विश्वेश्वर भगत व गौरीशंकर बिसेन पर 2-2 बार लोकसभा चुनाव जीतने का रिकार्ड है। इस बार यहां भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए सीट बचाने और सीट पर वापसी की बड़ी चुनौती है।