बालाघाट।
मध्यप्रदेश में पहले चरण की वोटिंग के लिए आज नामांकन भरने के लिए आखिरी तारीख है और टिकटों के बंटवारे को लेकर भाजपा में अंतर्कलह जारी है। बीजेपी बागियों को मनाने में सफल नही हो गई है।हालांकि शहडोल सांसद ज्ञान सिंह पीछे हट गए है लेकिन बालाघाट सांसद बोध सिंह भगत ने दो कदम आगे बढ़ा दिए है। वे निर्दलीय चुनाव लड़ने जा रहे है, इसके लिए आज नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। वही भगत के इस कदम के बाद बीजेपी में हड़कंप मचा हुआ है। पार्टी नेता हर हाल में भगत को मनाने में जुटे हुए है।
दरअसल, बीजेपी ने अबतक 21 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। इसमें कई वर्तमान सांसदों के टिकट काटे गए है। बालाघाट से वर्तमान सांसद बोध सिंह भगत का टिकट काट ढ़ाल सिंह बिसेन को उम्मीदवार बनाया गया है।जिससे वे नाराज हो गए है और बगावत पर उतर आए है। उन्होंने साफ तौर पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है और आज वे नामांकन दाखिल करेंगें। भगत ने सोशल मीडिया के जरिए समर्थकों और कार्यकर���ताओं से अपील भी की है कि उनके मंगलवार को नामांकन दाखिल करने के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोग शामिल हों।
वही बीजेपी उम्मीदवार ढाल सिंह ने अपना नामांकन सोमवार को भर दिया है।सोमवार को पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा और सांसद प्रभात झा बालाघाट से भाजपा प्रत्याशी ढाल सिंह बिसेन का पर्चा भरवाने पहुंचे थे। जहां दोनों नेताओं ने सांसद बोध सिंह भगत को मनाने का भी प्रयास किया, लेकिन वे नही माने और उन्होंने दोनों नेताओं से साफ कह दिया कि अभी भी वक्त है। हारने वाले की टिकट बदल दो, पार्टी का भला होगा।
इससे पहले रविवार को मीडिया से चर्चा के दौरान भगत ने कहा था कि मुझे किसी दल की जरूरत नहीं है और हार का डर भी नहीं है। भाजपा के लोग जो कल तक साथ थे, वे आज भी मेरे साथ हैं। बोध सिंह भगत खुद अकेला 100 के बराबर है। उन्होंने कहा था कि वह पार्टी तो छोड़ देंगे लेकिन मैदान नहीं छोड़ेंगे। भाजपा प्रत्याशी जनता के बीच क्या बताने जाएंगे। मैं तो जनता के बीच अपने पांच साल के विकास कार्य गिनाने जाऊंगा। उन्होंने कहा कि किसी एक व्यक्ति के कहने पर टिकट काट दिया गया। जीते हुए सांसद को एक बार और अवसर देना था।
पूर्व मंत्री पर लगाए आरोप, ढाल सिंह को बताया कमजोर प्रत्याशी
वही सांसद भगत ने पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन पर टिकट कटने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने मात्र गौरीशंकर बिसेन के दबाव में मेरा टिकट काटा, जबकि मेरे खिलाफ किसी तरह का कोई आरोप नहीं था। मैंने क्षेत्र में जितने विकास कार्य कराए, उतने मंत्री रहते हुए गौरीशंकर बिसेन ने नहीं कराए। इसके बाद भी मेरा टिकट काटा गया। ये अन्याय है और मैं इसी के खिलाफ चुनाव लड़ रहा हूं। भगत ने कहा कि ढाल सिंह कमजोर प्रत्याशी हैं और किसी भी सूरत में चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं हैं। वो सिवनी जिले के रहने वाले हैं। अगर योग्य होते तो पार्टी उन्हें सिवनी से लड़वाती। दो-दो चुनाव केवलारी से हार चुके हैं।
बगावत से पार्टी में हड़कंप
भगत की इस बगावत के बाद पार्टी में हलचल तेज हो गई है, पार्टी नेता हर हाल में उन्हें मनाने में जुटे हुए है।लगातार नेताओं द्वारा उन्हें समझाइश दी जा रही है और नाम वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन भगत अपनी बात पर अड़े हुए है। वही शहडोल सांसद ज्ञान सिंह ने भले ही नाम वापस ले लिया हो लेकिन घोषित उम्मीदवार हिमाद्री को समर्थन और वोट अपील करने से मना कर दिया है।पार्टी उनकी नाराजगी भी दूर करने में जुटी है।
कार्यकर्ता और समर्थक दे सकते है पार्टी से इस्तीफा
आज नामांकन का आखिरी दिन है और ढ़ाल सिंह अपना नामांकन भर चुके है।ऐसे में भगत के समर्थन में उतरे पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थक नाराज हो गए है।उन्होंने पार्टी को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की चेतावनी दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि आज-कल में भगत समर्थक पार्टी की सदस्यता छोड़ सकते है। इस ऐलान के बाद बालाघाट से लेकर भोपाल तक भाजपा में खलबली मच गई। पार्टी के फैसले से नाराज भगत के समर्थक बिसेन की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग किए हुए है।