Road Accident: दुर्घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं करने पर सड़क पर फूटा परिजनों और ग्रामीणों गुस्सा

Gaurav Sharma
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बालाघाट, सुनील कोरे। जिले के खैरलांजी थाना अंतर्गत भौरगढ़ में बीती रात हुई सड़क दुर्घटना (Road Accident)  की खैरलांजी पुलिस द्वारा परिजनों की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराये जाने और कथित तौर से दुर्घटना (road accident) में पुलिस रिपोर्ट (report) नहीं कर मामले को रफा-दफा करने वाले कथित बिचौलिये ग्रामीण जनप्रतिनिधि के खिलाफ आज 5 दिसंबर को परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा सड़क पर फूट पड़ा और कथित बिचौलिये, रिपोर्ट दर्ज नहीं करने वाले पुलिसकर्मी और मुआवजा की मांग का लेकर सड़क पर बैलगाड़ी खड़ी कर टायर जलाकर जाम लगा दिया।

परिजनो का आरोप था कि पुलिस ने सड़क दुर्घटना (road accident) की रिपोर्ट न रात में दर्ज की, न आज सुबह, दूसरी ओर सड़क हादसे (road accident) की रिपोर्ट पुलिस में नहीं करके मामले को रफा-दफा करने वाले कथित ग्रामीण जनप्रतिनिधि बिचौलिये छोटु ठाकरे द्वारा गुमराह किया गया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।