बैतूल, वाजिद खान। बैतूल जिला जेल (Betul District Jail) में बुधवार की सुबह हत्या के आरोपी मंटू शंकर नाम के कैदी और बलात्कार के आरोपी बृजेश मालवी नाम के कैदी ने टॉयलेट क्लीनर एसिड पी (drank Toilet cleaner acid) लिया लिया, जिससे जिला जेल में हड़कंप (Stir) मच गया और इन दोनों को तत्काल जिला अस्पताल (District Hospital) में भर्ती कराया गया। इन दोनों कैदियों के खिलाफ जेल प्रबंधन एफआई आर दर्ज कराने की बात की है । इस घटना से जेल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है और कैदियों के साथ हो रहे बर्ताव की हकीकत सामने आ गई ।
बैतूल जिला अस्पताल में इन दोनों का इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि इन दोनों कैदियों में बृजेश नाम के कैदी ने बताया कि जेल के अंदर कैदियों को परेशान किया जाता था। इससे तंग आकर उन्होंने यह कदम उठाया है । जेल प्रबंधन पर जेल परिसर में स्थापित दुर्गा प्रतिमा के चंदा के लिए कैदियों पर दबाव बनाने का भी आरोप लगा है ।
हालांकि इन आरोपों को लेकर जेल अधीक्षक बीआर कुडापे ने प्रताड़ना के आरोप और चंदा लेने वाले आरोप को नकार दिया है । जेल अधीक्षक का कहना है कि इन कैदियों ने जो टॉयलेट क्लीनर एसिड पिया है उसमें एसिड की मात्रा कम होती है । फिलहाल दोनों कैदी की हालत ठीक है। सफाई कर्मी को टॉयलेट क्लीनर एसिड अंदर लाने की अनुमति होती है । इन दोनों कैदियों ने पी लिया था फिर भी पूरे मामले की जांच कराई जा रही है । इन दोनों कैदियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया जा रहा है ।
जेल अधीक्षक बीआर कुडापे का कहना है कि विचाराधीन कैदी मंटू शंकर और बृजेश मालवी ने सफाई कर्मी के पास से टॉयलेट क्लीनर वाला एसिड पी लिया था, इसमें एसिड की मात्रा कम होती है दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है दोनों की स्थिति फिलहाल ठीक है किसी भी तरह की प्रताड़ना नहीं होती और ना ही किसी कैदी से कोई चंदा मांगा जा रहा था देवी प्रतिमा की स्थापना जेल स्टाफ के द्वारा की गई है।
पूरे मामले पर जिला अस्पताल चिक्तिसक डॉ ओपी माहौर का कहना है कि जिला अस्पताल में 2 कैदियों को भर्ती किया गया है पता चला है कि इन दोनों ने फिनायल पिया था फिलहाल दोनों की स्थिति सामान्य है बेहोशी की हालत है अगर फिनाइल फेफड़ों में चला जाता है तो घातक हो सकता है इसके लिए उनकी जांच कराई जा रही है।
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Gaurav Sharma
पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।
इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।