कमलनाथ 7 दिन से मर-मर कर जी रहे हैं उन पर रहम करो राहुल गांधी : डॉ रमेश दुबे

Amit Sengar
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Bhind News : कांग्रेस की तथाकथित भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के भागवताचार्य पँ. प्रदीप मिश्रा के सामने “7 दिन से मरे जा रहे हैं” कहने को लेकर भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ रमेश दुबे ने राहुल गांधी से अनुरोध किया है कि अपने राजनैतिक लालच को दरकिनार कर बुजुर्ग कमलनाथ रो रो कर अपना दर्द बता रहे है और आप उन्हें उन्हें कोल्हू का बैल बनाकर अपने साथ जबरन चलने का बोल रहे हैं।

डॉ दुबे ने कहा कि कांग्रेस की तथाकथित भारत जोड़ो यात्रा कहीं से भी कुछ भी नहीं जोड़ रही है, अब तक की यात्रा में एक भी अन्य दल के बड़े नेता तो छोड़िए किसी छोटे से भी कार्यकर्ता ने कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली है। रमेश दुबे ने कहा कि राहुल गांधी और अपने परिवार के निजस्वार्थ के लिए मध्यप्रदेश के बुजुर्ग कांग्रेसी नेताओं को ब्लैकमेल कर उन्हें भी वृद्धावस्था में अपने साथ जबरन लेकर चल रहे हैं।

डॉ दुबे ने कहा कि अभी हाल ही में प्रदेश के बुजुर्ग कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी वीडियो फोटोज में नाचते हुए दिखाई दिए लेकिन अगले ही दिन बेचारे गश् खाकर गिर पड़े, इस उम्र पर राहुल गांधी के द्वारा उन्हें पता नहीं क्या भय या लालच दिया जा रहा है कि वो गिरते पड़ते जबरन साथ चल रहे हैं।

डॉ दुबे ने कहा कि एक दूसरा वाकया पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी के साथ हुआ, कमलनाथ जी भागवताचार्य पं. प्रदीप मिश्रा जी से अपना दुखड़ा रोकर कह रहे हैं कि कैसे उन्हें रोजाना 24 किलोमीटर पैदल चलने पर मजबूर किया जा रहा है, तथाकथित गांधी के साथ पैदल चलने पर ही प्रदेश की विशेष जगहों पर चलने की कहा जाता है और कमलनाथ जी ने कथावाचक से कहा कि वो 7 दिनों से मर रहे हैं। ऐसे में राहुल गांधी को विचार करना चाहिए की जिस व्यक्ति में पैदल चलने की क्षमता नही उन्हे क्यों जबरन घसीट कर अपनी यात्रा कर रहे हो, और इस तरीके से ब्लैकमेल कर बुजुर्गों की सेवा करने की बजाय उन्हें डरा धमकाकर, लालच देकर जबरन चला रहे हो।

डॉ दुबे ने दिग्विजय सिंह जी एवं कमलनाथ जी से कहा कि उम्र के इस पड़ाव पर पद के लालच के लिए अपनी दुर्गति करवाना उनके व्यक्तित्व को शोभा नहीं देता,ये उम्र लालच पूरा करने की नहीं बल्कि आराम करने की है, वैसे भी चिकित्सकों का कहना है कि बुजुर्गावस्था में हड्डियों के टूटने पर उनके जुड़ने की संभावना कम ही होती है। हमें दोनों के सेहत की बेहद चिंता है, हम और हमारी सरकार बुजुर्गों की सेहत एवं सम्मान को लेकर बेहद संवेदनशील है।
भिंड से सचिन शर्मा की रिपोर्ट


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