भिंड| “हम सरकार में हैं पर असरकारी नहीं। हम अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। ज्यादा तिरस्कार और अपमान हुआ तो हम सरकार गिरा देंगे”। ऐसी ही कुछ बातें दबी जुबान से प्रदेश की सरकार की नींव सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायक अपने शुभचिंतकों और साथियों से करते हुए सुनाई दे जाएंगे… बस जरूरत है ठीक से कान लगाकर उन्हें सुनने की।
पहले कमलनाथ सरकार ने एक फरमान जारी किया कि केवल सरकार के सात मंत्री ही मीडिया से मुखातिब हो सकेंगे, मीडिया के सामने अपनी बात रख सकेंगे लेकिन इन सात मंत्रियों में से सिंधिया खेमे का एक भी मंत्री नहीं था दूसरी ओर कल ही भिंड में गोहद से भारी मतों से जीतने वाले और कद्दावर मंत्री लाल सिंह आर्य को हराकर विधानसभा में दूसरी बार पहुंचने वाले विधायक रणवीर जाटव अपनी ही सरकार से और कुछ मंत्रियों से खफा-खफा से दिखाई दिए । सर्किट हाउस पर पहली बार जिले में आए प्रभारी मंत्री से मिलने के लिए जब विधायक महोदय पहुंचे तो वे प्रभारी मंत्री आरिफ अकील के कमरा नंबर 1 में प्रवेश ही नहीं कर सके। विधायक रणवीर जाटव कहना था कि उन्हें कमरे के अंदर बुलाया ही नहीं गया, इस बात से विधायक जी नाराज हुए और अपने घर जाकर बैठ गए और फिर क्या था सरकार का सिर दर्द बढ़ गया।
सुना है कि सरकार ने श्री जाटव से स्वयं बात करी और जैसे तैसे गोहद के इस सिंधिया समर्थक दलित विधायक को मनाया, तब कहीं विधायक जिला योजना समिति और ऋण माफी योजना की समीक्षा बैठक में शिरकत करने के लिए जिला पंचायत सभागार पहुंचे, अब सवाल यह उठता है कि आखिर सिंधिया समर्थक विधायकों और मंत्रियों के साथ सरकार इस तरह का सौतेला व्यवहार कर ही क्यों रही है? इसके पीछे कौन है ? क्या जानबूझकर सिंधिया समर्थक मंत्रियों और विधायकों की उपेक्षा सरकार के द्वारा की जा रही है ? दबी जुबान से सिंधिया समर्थक विधायक यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि हम जब चाहैं तब सरकार गिरा सकते हैं, हमारा यदि अपमान किसी भी जगह पर हुआ तो हम उस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे और हम सरकार को गिरा देंगे, हमारे पास भी संख्या बल है।
प्रदेश की सभी 29 सीटों को जीतेंगे – आरिफ अकील
प्रदेश सरकार के एकमात्र मुस्लिम मंत्री आरिफ अकील उत्साह से इतनी ज्यादा लवलेश हैं कि कल जब पत्रकारों ने सर्किट हाउस पर उनसे सवाल किया कि कांग्रेस प्रदेश में आने वाले लोकसभा चुनाव में कितनी सीटें जीतने जा रही है तो उनका जवाब था कि कांग्रेस पूरी की पूरी 29 सीटें जीतेगी, क्या यह संभव है और जिस तरह की हलचल कांग्रेस के अंदर चल रही है जिस तरह से दलितों की उपेक्षा या यूं कहें अपने ही विधायकों की उपेक्षा का सिलसिला चल रहा है तो शायद अकील साहब का यह सपना पूरा होना असंभव सा ही दिखाई देता है।
पदोन्नति में आरक्षण का मामला अटके होने से प्रदेश में है अधिकारियों की कमी – गोविंद सिंह
भिंड जिले के प्रभारी मंत्री आरिफ अकील के साथ पूरे दौरे में साथ मौजूद रहे प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि सरकारी विभागों में अधिकारियों की कमी का कारण उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति में आरक्षण का मामला अटका होने की वजह से है जैसे कि यह फैसला हो जाएगा उसके बाद में अधिकारियों की कमी ठीक हो जाएगी, सवर्णों को 10% आरक्षण प्रदेश में लागू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे सहयोग से ही केंद्र में सवर्णों को 10% आरक्षण मिला है हम भी प्रदेश में इसे जल्द लागू कर देंगे।
सर्किट हाउस के कक्ष क्रमांक एक में बैठे प्रभारी मंत्री आरिफ अकील सामान्य प्रशासन मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह, मेहगांव विधायक ओ पी एस भदौरिया, भिंड से बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह, कलेक्टर छोटे सिंह एसपी रुडोल्फ अल्वारेस, कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक में भी शामिल नहीं हुए गोहद विधायक रणवीर जाटव