भिंड, गणेश भारद्वाज। वर्तमान दौर में ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) का ट्रेंड (Trend) बहुत ही तेज़ी से पनप रहा है। कुछ समय पहले “ब्लू व्हेल” (Blue whale) नाम के एक चैलेंज गेम (challenge game) ने तो न जाने कितने बच्चो व किशोरों की जान ले ली थी। इसके बाद आए पोकेमोन गेम की वजह से कई लोगों को हादसों का शिकार होना पड़ा। कई अपनी जान गंवा बैठे।
इस बढ़ते हुए ऑनलाइन गेमिंग की वजह से हर रोज़ हज़ारों लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार भी हो रहे हैं। जिनमें सबसे ज़्यादा ठगी के मामले ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म फ़्री फ़ायर गेम्स के ज़रिए की जाती है। इसका शिकार सबसे ज़्यादा बच्चे और किशोर युवक होते हैं। यही गेम अब युवकों को अपराध की दुनियाँ में भी क़दम रखने को प्रोत्साहित कर रहे हैं, ताज़ा मामला भिंड ज़िले के दबोह कस्बे से सामने आया है, यहाँ फ़्री फ़ायर गेम (free fire game) की ID पाने के लिए एक स्कूली छात्र द्वारा एक परिवार को फिरौती की माँग करते हुए जान से मारने की धमकी तक दी गई। धमकी के बाद परिवार पूरे दो दिन दहशत में रहा। जब तक कि आरोपी युवक गिरफ्तार नही हो गया।
मामले का खुलासा तब हुआ जब दबोह कस्बे में निवास करने वाला एक परिवार पुलिस स्टेशन पहुँचा और अज्ञात व्यक्ति के ख़िलाफ़ एफआइआर दर्ज कराई । दरअसल दबोह के वार्ड 11 निवासी रामेश्वर दयाल शर्मा के घर रविवार को किसी अज्ञात व्यक्ति ने पत्थर में लपेट कर पर्चा फेंका गया था जिसमें एक मोबाइल नंबर लिखा हुआ था साथ ही लिखा गया था कि इस नंबर पर तुरंत कॉल करें, नहीं तो अपने परिजनों में से किसी को खो देंगे।
इस तरह की धमकी मिलने के बाद शिक्षक परिवार के सदस्यों ने कई बार उक्त मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद क़रीब रात नौ बजे घर की शिक्षिका बहू के मोबाइल पर इसी तरह के धमकी भरे मैसेज आया। बात यहीं नहीं रुकी सोमवार को एक अज्ञात शख़्स ने फ़ोन कर फिरौती के लिए धमकी दी। जिसमें उनसे कहा गया कि 12 बजे तक अगर आठ लाख रुपये खाते में नहीं डालें तो 12 बजे तक परिवार के किसी एक शख़्स की हत्या कर दी जाएगी।
सीधे तौर पर इस तरह की धमकी मिलने के बाद परिवार दहशत में आ गया। इसके बाद शिक्षक रामेश्वर दयाल शर्मा सीधा पुलिस थाने पहुँचे और शिकायती आवेदन देकर पुलिस से मदद माँगी। जिस पर दबोह थाना प्रभारी प्रमोद साहू द्वारा तुरंत मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह और सायबर पुलिस को दी गई और जिस नंबर से कॉल आया था उसकी सारी जानकारी निकालने पर पता चला यह नम्बर अमाहा गांव के किसी सुरेंद्र कुशवाह नाम ये शख़्स का है, जिस पर तुरंत एक टीम गठित कर आरोपी को गिरफ़्तार करने भेजा गया, लेकिन पुलिस भी उस वक़्त भौंचक्की रह गई जब पता चला कि आरोपी बारहवीं क्लास का एक नाबालिक छात्र है, उसे गिरफ़्तार कर थाने लाया गया, और जब उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह अपने एक दोस्त के साथ मिलकर फ़्री फ़ायर गेम की आईडी ख़रीदना चाहता था।
जिसके चलते उसने इस वारदात को अंजाम दिया था,हालाँकि फ़रियादी की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज तो किया, लेकिन क़ानूनी बाध्यताओं के चलते आरोपी को कच्ची ज़मानत देकर छोड़ दिया गया है,इधर मामले मेंआरोपी की ज़मानत हो जाने से पीड़ित परिवार दहशत में हैं, उनका आरोप है कि उन्हें द्वारा ऐसे आरोपी जिसने हमें जान से मारने की धमकी दी है उसे छोड़ दिया जाना हमारे जीवन पर संकट बना हुआ है, वह कभी भी अपने साथियों के साथ मिलकर परिवार को नुक़सान पहुँचा सकता है।
वहीं मामले में पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह का कहना है कि क़ानूनी प्रक्रिया के तहत जो धाराएँ पीड़ित की शिकायत पर आरोपी युवक पर लगायी थी, उनकी वजह से उन्हें ज़मानत पर आरोपी को छोड़ना पड़ा है, यह महज़ नाबालिक बच्चों द्वारा एक गेम ख़रीदने के लिए की गई हरकत है, ऐसे में फ़रियादी पक्ष को डरने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन अभिभावकों को चाहिए इस प्रकार के ऑनलाइन ठगी वाले गेम्स से अपने बच्चों को दूर रखें। बच्चों को मोबाइल तो दें लेकिन पठन-पाठन के लिए नबी मोबाइल पर गेम खेलने के लिए।