भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली साधिकार समिति ने आज भोपाल (Bhopal) की प्रोफेसर कॉलोनी में नया कलेक्ट्रेट भवन बनाए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। नए और पुराने शहर के बीच स्थित प्रोफेसर कॉलोनी के 118 बंगलों को तोड़कर नया कलेक्ट्रेट बनाने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय पर विधायक रामेश्वर शर्मा ने आपत्ति जताई है। इस संबंध में उन्होंने मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखा है। अपने पत्र में विधायक ने इस निर्णय को सुरक्षा और प्रशासनिक नियंत्रण की दृष्टि से गलत बताते हुए इस पर पुनर्विचार करने को कहा है।
अपने पत्र में विधायक रामेश्वर शर्मा ने लिखा कि मैंने पहले भी कलेक्टर कार्यालय को अरोरा हिल्स पर शिफ्ट किए जाने पर आपत्ति जताई थी। इसी के साथ उन्होंने निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए कुछ कारण भी अपने पत्र में उल्लेखित किए हैं।
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विधायक रामेश्वर शर्मा ने बताए यह कारण
ईदगाह हिल्स सहित पूरा पुराना भोपाल जो असंवेदनशील क्षेत्र कहलाता है। इस जगह से कलेक्ट्रेट और एसपी जैसे मुख्य ऑफिसों को हटाना अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का हौसला बुलंद करेगा और यहां रहने वाले नागरिकों में भय पैदा होगा।
नगर निगम कार्यालय को सदर मंजिल से शिफ्ट कर दिया गया है और अब कलेक्टर और एसपी कार्यालय को शिफ्ट किए जाने से जिला मुख्यालय से 30 से 90 किलोमीटर दूर फंदा और बैरसिया तथा सूरज नगर से आने वाले किसान परिवारों और नागरिकों को परेशानी होगी। प्रोफेसर कॉलोनी इन नागरिकों की पहुंच से दूर होगी।
सदर मंजिल से नगर निगम कार्यालय को शिफ्ट किए जाने के बाद वहां हो रही गतिविधियों पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। कलेक्टर कार्यालय से महापौर बंगला और दूसरी और ईदगाह हिल्स तक शासकीय भूमि पर जगह-जगह कब्जे किए गए हैं।
हिब्बे नामा और कोहेफिजा से कलेक्टर कार्यालय को हटाते ही वक्फ संपत्ति का नाम लेकर भू-माफिया आम नागरिकों का जीना मुहाल कर देंगे। इस वजह से प्रशासनिक नियंत्रण कमजोर हो जाएगा और सभी नागरिक पलायन करने लगेंगे। भोपाल के धार्मिक सद्भाव पर भी बुरा असर होगा।
कलेक्टर और एसपी कार्यालय पास होने के बावजूद कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। उनके हौंसले इन कार्यालयों के हटने के बाद और भी बुलंद हो जाएंगे।
विधायक रामेश्वर शर्मा ने सचिव से अनुरोध किया है कि वह अधिकारिक समिति द्वारा लिए गए निर्णय पर फिर से विचार करें। ताकि, आगे चलकर लिया गया निर्णय नागरिकों के लिए मुसीबत ना बने।