भोपाल। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि किसानों से संबंधित वचनपत्र में मदद देने के जो भी उल्लेख हैं, उन्हें निभाने के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। हमारी नीयत और नीति स्पष्ट है और यही कारण कि हमने किसान समृद्धि योजना में किसानों के लिये 1600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
कमलनाथ ने यह बात सदन में वित्त वर्ष 2019 20 के लिए पहले अनुपूरक बजट पर हुई चर्चा के बाद कही। उन्होंने कहा कि किसी भी बजट की सीमा होती है। उस सीमा के अंदर सभी को संतुष्ट नहीं किया जा सकता। अपेक्षा रहती है कि बजट पर आलोचना नहीं, बल्कि सुझाव देने की भावना से चर्चा की जाए। मुख्यमंत्री ने विपक्ष की ओर से किसानों को बोनस दिये जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने मप्र के लिये 75 लाख टन पीडीएस का कोटा निर्धारित किया था। पूर्व सरकार की प्रोत्साहन राशि की घोषणा होने के कारण यह कोटा घटाकर केन्द्र ने 36 लाख टन कर दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री और केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान से जून 2019 में मुलाकात करके यह कोटा बढ़ाने का आग्रह किया था। कमलनाथ के अनुसार केन्द्रीय मंत्री ने अपने पत्र में 67 लाख टन कोटा करने की जानकारी दी। साथ ही यह भी शर्त जोड़ी कि राज्य सरकार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसानों को बोनस की राशि नहीं देगी, तभी यह कोटा बरकरार रहेगा अन्यथा पूर्वानुसार कोटे को 36 लाख टन कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने विपक्ष से अनुरोध किया कि वे इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार के मध्यप्रदेश के हितों के संरक्षण के लिये चर्चा करें। उन्होंने कहा कि केन्द्र, राज्य सरकार को कोई सहयोग नहीं दे रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के साथ ही मप्र के हितों का संरक्षण करने के लिये वचनबद्ध है।