भोपाल| लोक निर्माण विभाग के अवर सचिव आरएन चौहान ने एमके शुक्ला अधीक्षण यंत्री (वि/या) और तत्कालीन कार्यपालन यंत्री अशोक शर्मा को स्ट्रीट लाइट कार्य के भुगतान में अनियमितता के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है| शुक्ला और शर्मा ने सीहोर जिले में सोया चौपाल से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी तक स्ट्रीट लाइट कार्य के भुगतान में अनियमितता बरती थी। जाँच में इस मामले में लगभग 10 लाख रुपये का अधिक एवं फर्जी भुगतान किया जाना पाया गया। इस मामले में अधिकारी के खिलाफ शासन ने कार्रवाई का निर्णय लिया है|
मामला सीहोर में सोया चौपाल से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी तक स्ट्रीट लाइट लगाने का है। इसमें गड़बड़ी की जानकारी मिलने पर जांच के लिए समिति बनाई गई थी। जांच समिति ने पाया कि काम 196 ओक्टागोनल विद्युत पोल लगाने का था, पोल में 196 जीआई डबल आर्म ब्रेकेट लगाने थे, लेकिन भुगतान 392 नग का किया गया। चार हाई मास्ट लाइटिंग सिस्टम और 24 फ्लड लाइट का भुगतान भी किया गया, जबकि मौके पर एक भी नहीं लगा।
कारण बताओ नोटिस में बताया गया एमके शुक्ला अधीक्षण यंत्री भोपाल की पदस्थापना की अवधि में सीहोर जिले में सोया चौपाल से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी तक स्ट्रीट लाइट कार्य का डबल भुगतान किया गया| इसकी तकनीकी स्वीकृति शुक्ला द्वारा दी गई| इस स्वीकृति के आधार पर उपयंत्री और अनुविभागीय अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा 196 नग डबल आर्म स्वार्ड कैनोपी के स्थान पर 392 नग डबल आर्म स्वार्ड कैनोपी के माप दर्ज कर उनका दोगुना भुगतान ठेकेदार को किया गया है| विभाग ने पूछा है कि आपके द्वारा किये गए कदाचरण के लिए क्यों न आपकी आगामी तीन वार्षिक वेतनवृद्धि रोकने की लघुशास्ति से दण्डित किया जाए|
इसी तरह तत्कालीन कार्यपाल यंत्री अशोक शर्मा को भी कारण बताओ पत्र जारी किया है, जिसमे अधिकारी के द्वारा ३५,६०,८७३ का फर्जी भुगतान पाया गया है| दोनों अधिकारियों के खिलाफ ौशसनिक कार्रवाई का निर्णय लिया गया है|