भोपाल। किसानों को फसल बीमा के क्लेम दिलाने सरकार सक्रिय हो गयी है| कृषि मंत्री सचिन यादव ने इस सम्बन्ध में अधिकारियों को गंभीरता से काम करने के लिए कहा है| बाढ़ बावजूद प्रदेश में धान और सोयाबीन समेत अन्य फसलों के नुक्सान पर फसल बीमा का लाभ नहीं मिलने से सरकार के प्रति नाराजगी की जानकार शासन कोक मिली है| इसे देखते हुए रबी सीजन में सरकार कोई चुक नहीं करना चाहती है| इसके लिए कृषि मंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को 72 घण्टे के भीतर फसल हानि की सूचना संबंधित बीमा कम्पनी को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कम्पनियों द्वारा जारी टोल फ्री नंबर पर अक्सर फोन नहीं लगता। कृषि मंत्री सचिन यादव ने इस समस्या को दूर करने के लिये फसल बीमा कम्पनियों को तहसील स्तर पर टोल फ्री नंबर जारी करने के निर्देश दिये। फसल हानि की सूचना देने वाले किसानों की जानकारी दो दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं|
यादव ने कहा कि सभी फसल बीमा कम्पनियां तहसील स्तर नियुक्त कर्मचारियों तथा फसल हानि की सूचना देने वाले किसानों की जानकारी दो दिन में प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि किसान को फसल बीमा राशि की अंशदान की रसीद देना भी सुनिश्चित किया जाए। यादव ने निर्देशित किया कि फसल हानि पर यथाशीघ्र नियमानुसार क्लेम राशि का भुगतान किया जाना शुरू करें।
27 लाख किसानों ने कराया बीमा
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रदेश के 27 लाख 64 हजार किसानों की फसलों का खरीफ-2019 के लिये 15 हजार 221 करोड़ 52 लाख रूपये का बीमा किया गया। किसानों की कुल 54 लाख 58 हजार 8 सौ 66 हेक्टेयर कृषि भूमि इसमें शामिल थी। बीमा प्रीमियम के लिये किसानों का अंशदान 352 करोड़ 62 लाख रूपये तथा राज्यांश 509 करोड़ 60 लाख रूपये का है। किसानों को नियमानुसार फसल नुकसानी का क्लेम यथाशीघ्र दिलाया जाएगा।