नई दिल्ली| दिल्ली में हुए निर्भया कांड के 4 दोषियों में से एक अक्षय ठाकुर की रिव्यू याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई खत्म हो गई है। फैसले में दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी गई। कोर्ट ने कहा अपराध के इस मामले में पुनर्विचार करने का कोई आधार नहीं है। इधर मध्य प्रदेश के पथारिया से बसपा विधायक राम बाई एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने दिल्ली निर्भया कांड के दोषियों को फाँसी की सजा न देने की वकालत की है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि, ‘हम ओर आप है कौन होते है सजा देने वाले, उनको जीवन हमने नही दिया। ईश्वर जीवन देता है ईश्वर जीवन लेता है।’ विधासभा सत्र के बाद उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान यह बयान दिया।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट निर्भया कांड से जुड़ी एक पुनर्विचार याचिका को ठुकरा दिया है। सुप्रीम कोर्ट कहा कि आज अक्षय के वकील ने जो तर्क दिए वे पुराने हैं, उन्होंने इस मामले की सही तरह से जांच करने का तर्क भी ठुकरा दिया। याचिका अस्वीकृत होने के बाद अक्षय के वकील एपी सिंह ने कोर्ट से राष्ट्रपति के पास दया याचिका के लिए 2 हफ्ते का वक्त मांगा। लेकिन जजों ने कहा कि आपको उतना ही वक्त मिलेगा जो कानून में निर्धारित है। इस प्रकार राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने के लिए दोषी अक्षय के पास अब एक हफ्ते का समय है।
ये याचिका निर्भया के बलात्कार और हत्या के दोषी अक्षय ने दायर की गई थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अक्षय के वकील को 30 मिनट का समय दिया था। इस दौरान दलील देते हुए अक्षय के वकील ने कहा कि कोर्ट में इस मामले पर सही से सुनवाई नहीं हुई है। बता दें कि इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी। लेकिन चीफ जस्टिस एसए बोबड़े द्वारा बैंच से खुद को अलग कर देने के बाद आज इस मामले पर सुनाई शुरू हुई है।