ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी ने की फिल्म पठान पर बैन की मांग, बताया इसे इस्लाम की तौहीन

Atul Saxena
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Pathan Movie Controversy : शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म पठान (Shah Rukh Khan – Deepika’s film Pathan controversy) धीरे-धीरे और समस्याओं में घिरती जा रही है। फिल्म का गाना बेशर्म रंग रिलीज होने के बाद से ही फिल्म के बैन को लेकर लगातार मांग की जा रही है।

कहां से शुरू हुआ मुद्दा

कल मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (MP HM Dr Narottam Mishra) ने भी फिल्म के गाने को लेकर गंभीर आपत्ति जताई थी। नरोत्तम का कहना था कि गाने में इस्तेमाल की गई वेशभूषा आपत्तिजनक है। उनका कहना था कि फिल्माया गया गाना साफ तौर पर दूषित मानसिकता को दर्शाता है। दीपिका पादुकोण पर निशाना साधते हुए नरोत्तम ने कहा कि दीपिका जेएनयू के मामले में टुकड़े टुकड़े गैंग की समर्थक भी रही हैं। मैंने फिल्म निर्माताओं से निवेदन किया है कि इस गाने में दर्शाए गए दृश्यों और वेशभूषा में बदलाव करें अन्यथा मध्य प्रदेश में इस फिल्म को अनुमति मिलेगी या नहीं हमें इस पर विचार करना पड़ेगा।

क्या कहा AIMTC के अध्यक्ष ने

नरोत्तम के बाद आज ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी के चेयरमैन औसाफ शाहमीरी खुर्रम ने पठान फिल्म पर बैन की मांग की है। खुर्रम ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि पठान नाम की फिल्म में मजहब ए इस्लाम के कानून और उसूलों का मजाक उड़ाया गया है, बेहूदगी, अश्लीलता और नंगापन दिखाया गया है, साथ ही इस्लाम को बदनाम करने की साजिश की गई है। इस सब के चलते भारत के मुसलमानों में इस फिल्म को लेकर बेहद गुस्सा है। ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी हर उस चीज का विरोध करती है जो इस्लाम की तौहीन करने के लिए किया जाता है, या जिससे मुसलमानों का मजाक उड़ाया जाता है। आखिर में  खुर्रम ने हिंदुस्तान के तमाम मुसलमानों और मुसलमान नौजवानों से इस फिल्म को बहिष्कृत करने की मांग की है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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