Atal Bihari Vajpayee: अटल जी की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री शिवराज का बड़ा ऐलान

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट

आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी (Former Prime Minister And Bharat Ratn Atal Bihari Bajpai) की दूसरी पुण्यतिथि है। उनकी पुण्यतिथि पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने बड़ा ऐलान किया है।मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा है कि चंबल प्रोग्रेस वे का नाम अब अटल बिहारी बाजपेयी चंबल प्रोग्रेस वे होगा।

मुख्यमंत्री शिवराज ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। शिवराज ने ट्वीट कर लिखा है कि स्व. #AtalBihariVajpayeeJi की पुण्यतिथि पर उनका पुण्य स्मरण करते हुए हमने चंबल प्रोग्रेस वे का नाम ‘अटल विहारी वाजपेयी चंबल प्रोग्रेस वे’ करने का निर्णय लिया है। हम सब उन्हें याद करें और पूरी सामर्थ्य के साथ मध्यप्रदेश का नवनिर्माण करें, यही उनके चरणों में सच्ची श्रद्धांजलि होगी।शिवराज ने लिखा है कि स्व. #AtalBihariVajpayeeJi  ने तय किया भारत को परमाणु शक्ति से संपन्न करेंगे। विश्व की बड़ी ताकतें विरुद्ध खड़ी हो गईं। प्रतिबंध लगाये गये। धमकी दी गई, लेकिन अटल जी के संकल्प और साहस को कोई डिगा नहीं सका। पोखरण में परमाणु परीक्षण हुआ और दुनिया अचंभित रह गई।

खास बात ये है कि 15 अगस्त के दिन ही शिवराज ने घोषणा करते हुए कहा था कि प्रदेश में चंबल प्रोग्रेस वे के साथ-साथ नर्मदा नदी के किनारे के क्षेत्रों में नर्मदा एक्सप्रेस वे का विकास किया जायेगा। चंबल क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिये चंबल प्रोग्रेस-वे को फास्ट-ट्रेक मोड में विकसित किया जायेगा। लगभग 6 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला 309 किलोमीटर लंबाई का चंबल प्रोग्रेस वे श्योपुर, मुरैना एवं भिण्ड से होते हुए राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश की सीमाओं को जोड़ेगा। अमरकंटक से होकर अलीराजपुर के रास्ते गुजरात को जाने वाले लगभग 1300 किलोमीटर लंबाई के नर्मदा एक्सप्रेस-वे से जुड़े चिन्हित क्षेत्रों में नया निवेश लाया जाएगा।

बता दे कि शुरुआत में इसका नाम चंबल एक्सप्रेस-वे था, बाद में इसे चंबल प्रोग्रेस वे नाम दिया गया और अब सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसका नाम अटल बिहारी वाजपेयी प्रोग्रेस वे रखा है। 394 किमी लंबे इस प्रोगेस वे में 85 किमी का हिस्सा राजस्थान राजस्थान सरकार बनवाएगी। इसे बनाने के लिए करीब 6 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी। यह श्योपुर, मुरैना एवं भिण्ड से होते हुए राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश की सीमाओं को जोड़ेगा। यह मार्ग भिण्ड में गोल्डन क्वाट्रिलेट्रल (आगरा-कानपुर) मार्ग, मुरैना में नार्थ-साउथ कॉरीडोर एवं राजस्थान में दिल्ली मुम्बई कॉरीडोर से जोड़ा जायेगा। आवागमन का मार्ग सहज एवं सुविधाजनक होने से क्षेत्र को औद्योगिक निवेश प्राप्त होगा। राज्य शासन द्वारा आर्थिक/औद्योगिक विकास के लिए रक्षा उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण, भारी उद्योग, वेयर हाउसिंग, लॉजिस्टिक एवं ट्रांसपोर्ट उद्योग के रूप में विकसित किया जाएगा।

 

 


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