Audio Viral: कोरोना की भयावहता की कहानी, अस्पताल संचालक के रिश्तेदार की जुबानी

Pooja Khodani
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नायब तहसीलदार

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की दर इस समय लोगों के लिए घातक साबित हो रही है, यह तो उसके बढते आंकड़े ही बता रहे हैं। संक्रमण की दर तेजी के साथ बढ़ रही है और अस्पतालों में भी स्थितियां बद से बदतर हो रही है। इन सबके बीच एक ऑडियो वायरल (Audio Viral) हुआ है जो भोपाल (Bhopal) के एक निजी मेडिकल कॉलेज संचालक के साले की किसी से बातचीत का बताया जा रहा है और उसमें वे कोरोना की भयावह स्थिति का बया कर रहे हैं। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ (MP BREAKING NEWS) इस ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता ।

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ऑडियो में मोती बजाज और संदीप नाम के दो व्यक्तियों के बीच का वार्तालाप है जिसमें मोती बजाज चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ अजय गोयनका के साले बताए जाते हैं। इस पूरे ऑडियो वार्तालाप में संदीप को मोती बजाज यह बता रहे हैं कि किस कदर कोरोना (Corona) इस समय अपना सबसे भयावह रूप दिखा रहा है। अस्पतालों की हालत क्या है। सरकारी मदद ना के बराबर है और रोज होने वाली मौतों के आंकड़े भी छुपाए जा रहे हैं।

इन दोनों व्यक्तियों के बीच हुई बातचीत इस प्रकार है—-

संदीप -मोती भाई
मोती- हां संदीप भैया नमस्कार
संदीप- क्या हाल है भैया
मोती -बस आपका आशीर्वाद है। भैया सब ठीक।
संदीप – कैसे हैं क्या हाल है वहां का
मोती -बेहाल, बहुत बेहाल ।बहुत गंदी लहर है भैया। इस बार लोग हालत खराब करके पहुंच रहे हैं। संदीप- अपना ख्याल रखना भैया
मोती -वह तो ठीक है भैया लेकिन बड़ा गंदा हाल है। आपको क्या बताएं भैया
संदीप -नहीं, मैं समझ रहा हूं आपके बोलने से मैं समझ रहा हूं ।
मोती -अब रुदन सुन सुन के सर फटने लगा है।संदीप -लेकिन आपका सुनकर सर गर्व से ऊंचा हो गया ।

मोती -अरे भैया अभी नहीं करेंगे तो कब करेंगे। भैया अपने तो मां-बाप दोनों खोये हैं। अपन किसी को प्लाज्मा दे सकते तो तो दे दिया। पर हालत बहुत खराब है। यार मैं तो खुद ही डिप्रेशन में आता जा रहा हूं मैं तो जीजाजी को कल खुद ही बोलूंगा कि अब मैं निकलूंगा। अभी आज हिम्मत नहीं पड़ रही क्योंकि इतना गंदा रोते हैं लोग जब उनके परिवार की डेड बॉडी जाती है। रोज में अट्ठारह उन्नीस लोगों को देख रहा हूं।
संदीप- मतलब आंकड़े बहुत कम है।
मोती – गलत बताए जा रहे हैं।

संदीप- मतलब आप ही एक हॉस्पिटल का बता रहे हो ना ।मतलब अट्ठारह उन्नीस केवल
मोती- मैं यह चिरायु का बता रहा हूं। आपको चिरायु में भैया जब मैं एडमिट का अपने यहां तो उनकी खुद फुल कैपेसिटी थी 950 बेड उस समय 950 भर्ती थे। आज 1250 सौ से ऊपर का आंकड़ा है। जिस हॉल में 30 लोग नहीं रह सकते उसमें 60 लोग भरे हुए हैं और ऐसी स्थिति में है कि सब को वेंटीलेटर की जरूरत पड़ रही है।

लोग इतना खराब करके आ रहे हैं कि हम बता नहीं सकते। सबसे बड़ा दुखद यह हो गया कि अब गवर्नमेंट से कोई ऐड नहीं है तो लोगों के पैसे लग रहे हैं तो एक बेचारी ने तो अपना घर बेचकर बारह लाख रू जमा किए। उसके परिवार के पूरे लोग और उसके बाद उसका 7.50 लाख का बिल बाकी है और मैंने उनको हाथ जोड़कर बोला कि इनको जाने दीजिए तो वह बोले मोती यह बात नहीं है। मैं इसलिए कह रहा हूं कि कुछ दिन संयम रख लो। मत खेलो । बहुत चीजें छुपाई जा रही है भैया ।अब तो सरकारी कोई ऐड भी नहीं है। यह भी दिक्कत है अब तो हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड भी नहीं दे रहे हैं ।

साफ कहना है कि हम आपको बिल दे रहे हैं पेमेन्ट करो फिर रिम्बर्स ले लेना। बस करते रहो । कहां से लाओगे आप इतने पैसे। घर के अगर चार लोग एडमिट हो गए तो दस लाख रू कहां से लाओगे। संदीप भैया मैं एक हॉस्पिटल की बात नहीं कर रहा ।उस औरत का में विलाप देख रहा हूं। उसका पति मर गया उसके बाद भी उसका साढे सात लाख का बिल बचा है और मैं रोज ऐसे विलाप देख रहा हूं या तो मैं पागल हो जाऊंगा या मैं जीजा जी से कह रहा हूं कि मैं जा रहा हूं यार ।मैं आज रात को निकल लूंगा या कल सुबह आ जाऊंगा। मेरी हिम्मत नहीं पड़ रही। मैं इतना नहीं देख सकता। मैं इतना बिल आप नहीं सुन सकता ।

संदीप-वाकई बहुत बुरी स्थिति है बहुत बुरी
मोती- भैया अपने को पता नहीं चल रहा ।अपन बहुत ढिलाई में ले रहे हैं। संदीप- आपका सुन कर मैं समझ रहा हूं कि क्या हालत होगी।
मोती -भैया, मालूम ऑडी कार में आए हैं लोग गुजरात से और मेडिकल कॉलेज के मैदान में चादर डालकर पड़े हुए हैं। सामने के होटल पूरे फुल है ।भैया मत करो एक चीज तो मेरी समझ में आ गई जिसने वैक्सीन लगवाया वह मर तो नहीं रहा है कोरोना गले तक ही आकर रुक जा रहा है। अगर आप 45 के ऊपर हो संदीप भैया तो कटनी में लगवा लो ।आप अपने ग्रुप में डाल दो ।
संदीप- पता है मैं क्या करूंगा अभी आपसे मेरी जो बातचीत हुई है उसे ग्रुप में डालता हूं ताकि लोग समझे। मैं बताऊंगा तो नहीं समझेंगे।

मोती -अगर ग्रुप में डालना है तो मैं बताऊं सरकार बहुत झूठ बोल रही है ।बाते छुपाई जा रही है। चुनाव होने हैं जो भी होना है बहुत सारा ,सब चालू है। भैया सरकार ने पूरी तरीके से हाथ खींच लिया है। अगर आप कोरोना से नहीं मरेंगे तो आर्थिक रूप से मर जाएंगे। डेड बॉडी भी ले जाएंगे और साथ में बिल भी जमा करके जाना पड़ेगा। और बिल छोटे-मोटे नहीं बनते हैं इसमें 75 80000 नहीं दो आदमी एडमिट है तो 500000 का बिल तैयार रखें। जो भी मेरी आवाज सुन रहा हो सीरियस मरीजों के चार्ज की कोई इंतहा नहीं। रेमडीसिव इंजेक्शन का चार्ज अलग से लिए जा रहा है। प्रति यूनिट प्लाज्मा 50000 रू यूनिट अलग लग रहा है ।किस बीमारी में आप कितने से निपट जाएं समझ ही नहीं सकते।

संदीप -ठीक है मोती भाई। हम दुआ करेंगे आप स्वस्थ रहें।
मोती- वह तो ठीक है लेकिन आप लोग प्लीज कुछ दिन क्रिकेट ना खेलें मैं डर गया हूं और हार गया हूं ।
दोनों की बीच की ऑडियो बातचीत रोंगटे खड़े कर देने वाली है। इसलिए ध्यान रखिए कोरोना से बचाव का हर तरीका अपनाइए, न केवल सोशल डिस्टेंसिंग बल्कि मास्क का सही उपयोग साथ ही अगर 45 से ऊपर के हैं तो वैक्सीन भी लगवाईये।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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