Bhopal : किराना दुकान बंद होगी रात 8 बजे तक, शराब चलेगी रात 11:30 तक

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। जिले में किराने की दुकाने रात 8:00 बजे तक ही खुली रहेंगी। सड़क, फुटपाथ और पर लगने वाले चाय नाश्ते के ठेले भी 8:00 के बाद बंद हो जाएंगे। केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से जारी आदेश पर बन रहे असमंजस को लेकर जिला प्रशासन (District Administration) ने यह स्पष्ट किया है। खास बात यह है कि शराब दुकानें रात 11:30 बजे तक खोलने की छूट रहेगी, जबकि इस पर भी काफी भीड़ लगती है, संक्रमण फैलने की आशंका रहती है।

दरअसल गृह मंत्रालय (home Ministry) ने रेस्टोरेंट भोजनालय खान पान केमिस्ट और राशन की दुकान रात 8:00 बजे के बाद खोलने की छूट दी है। इसका किराना दुकानदारों (Grocery shoppers) ने गलत अर्थ लगा लिया। उन्हें लगा कि राशन की दुकान भी आती है, जबकि राशन की दुकान वह है जहां से गरीब हितग्राहियों को अनाज दिया जाता है। यह दुकाने शाम 5:00 बजे बंद हो जाती है, इसी तरह खानपान में चाय नाश्ते के ठेले को शामिल मान लिया गया। नतीजा यह रात 8:00 बजे के बाद भी खुलने लगे। इन पर खूब भीड़ लगने लगी। पुलिस ने संक्रमण फैलने से रोकने के लिए ठेले बंद कराए तो इस कार्रवाई का विरोध होने लगा। सवाल उठाए जाने लगे कि शराब दुकानें का समय बढ़ाकर रात 11:30 बजे कर दिया गया, पर आम आदमी की जरूरत का ध्यान नहीं रखा जा रहा।

ऐसे में पुलिस और प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में किराना दुकान और चाय नाश्ता के ठेलों को रात 8:00 बजे के बाद खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। पुलिस ने प्रशासन को भी जानकारी में बताया कि इन ठेलों पर काफी लोग इकट्ठा होते हैं, इसलिए बंद करने की कार्यवाही की जा रही है।

प्रशासन ने यह भी साफ किया है कि जिस भी दुकान प्रतिष्ठान पर भीड़ जुटेगी उन पर कार्यवाही की जाएगी। शहर में सांची पार्लर भी देर रात तक खुले रहते हैं, कई पार्लर में सांची उत्पादों के अलावा अन्य सामग्री बेची जाती है। ऐसे में इन पर भी भीड़ लगती है। इसके मद्देनजर प्रशासन ने सांची दूध संघ को ऐसी पार्लर ऊपर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं जो अन्य सामग्री बेच रहे हैं।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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