भोपाल MLB गर्ल्स कॉलेज प्राचार्य पद बना विवाद का विषय, आदेश अधर में

Amit Sengar
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) के शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या महाविद्यालय में 3 दिन पूर्व हुए प्राचार्य के तबादले के बाद विवाद का माहौल बन हुआ है क्योंकि विगत 15 फरवरी 2022 के उच्च शिक्षा विभाग ने शासकीय कॉलेजों में जो जूनियर प्राध्यापक प्रभारी प्राचार्य है, उनके स्थान पर सीनियर प्राध्यापकों को प्रभारी प्राचार्य बनाने के आदेश जारी किए गए थे।

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आपको बता दें की लगभग 20 दिन शासन के इस आदेश का पालन नहीं हुआ, जब शासन के ध्यान में यह बात लाई गई तो ऊपर से मौखिक निर्देश जारी हुए और राजधानी भोपाल के चार कालेजों (एमएलबी, एमवीएम, गीतांजलि और नवीन कॉलेज) के प्राचार्य को बदला गया है, जानकारी के अनुसार बता दें कि एमएलबी को छोड़ सभी तीन कॉलेजों में तो प्राचार्य ने पदभार नए प्राचार्य को सौंप दिया लेकिन 3 दिन गुजर जाने के बाद भी शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या महाविद्यालय में पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर मुकेश दीक्षित ने पद की लालसा को रखते हुए अब तक पदभार नवनियुक्त प्राचार्या प्रो ममता चंसोरिया को नहीं सौंपा है।

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पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर मुकेश दीक्षित प्राचार्य को कुर्सी के मौह ने उन्हें इस कदर बांध रखा है कि वह नई महिला प्रोफेसर ममता चंसोरिया को प्राचार्य का पदभार नहीं दे रहे है, और यही नहीं वह रोज उनके कक्ष के चक्कर भी काट रही है, लेकिन प्रोफेसर मुकेश दीक्षित हैं कि अपनी टस से मस नहीं हो रहे। आज भी कॉलेज में प्राचार्य का कार्यभार ग्रहण करने गई ममता चंसोरिया को उन्होंने बैरंग लौटा दिया। यह कहकर कि मैं मुख्यमंत्री का बालसखा हूं और मेरा आदेश कैंसिल हो रहा है, कॉलेज में प्राचार्य के पद को लेकर मची धमा चौकड़ी में प्राध्यापक भी दो फाड़ हो गए हैं, इनमें अधिकांश महिलाएं हैं तो जो ममता चंसोरिया का साथ दे रही हैं, लेकिन कुछ ही प्राध्यापक प्रो. मुकेश दीक्षित के आसपास मंडरा रहे हैं, पद का मोह मुकेश दीक्षित को इतना है कि उन्होंने पूर्व में भी जब ममता चंसोरिया को वरिष्ठता के हिसाब से प्राचार्य बनना था और वो विदेश गई हुई थी तब यह कहकर मुकेश दीक्षित ने पदभार प्रभारी प्राचार्य का लिया था कि उनके विदेश लौटते ही उनको पदभार सौंप दूंगा। लेकिन जब ममता चंसोरिया वापस आई तब भी उनको कार्यभार नहीं सौंपा। आज विवाद की स्थिति के कारण कॉलेज में छात्राओं की पढ़ाई में व्यवधान हुआ और कॉलेज का वातावरण प्रो मुकेश दीक्षित की हठधर्मिता के कारण चर्चा का केंद्र बना हुआ है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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