भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भोपाल के 21 साल के बीटेक स्टूडेंट निशांक राठौर की मौत हत्या नहीं आत्महत्या है, जांच के बाद SIT ने यह दावा किया है, दरअसल कुछ दिनों पहले निशांक का शव भोपाल-रायसेन रेल्वे ट्रैक पर 24 जुलाई को मिला था, मौत से पहले निशांक के दोस्तों और पिता को निशांक के ही मोबाईल से आपत्तिजनक मैसेज मिला था, जिसके बाद जब निशांक का शव मिल तो परिजनों ने इसे हत्या बताया था, इस मामलें में प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने SIT गठित कर जांच के आदेश दिए थे, इस जांच में फिलहाल दावा किया जा रहा है कि निशांक ने सुसाइड किया है। उसकी हत्या नहीं हुई। पुलिस ने पहले दिन से ही इसे आत्महत्या का मामला माना था लेकिन मौत की गुत्थी तब उलझ गई जब उनके पिता को उसी दिन बेटे के फोन पर एक मैसेज मिला।
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बताया जा रहा है कि निशांक की मौत ट्रेन से पैर कटने के बाद हैवी ब्लीडिंग से हुई थी। एडिशनल एसपी अमृत मीणा ने बताया कि ‘सिर तन से जुदा…’ वाला मैसेज भी निशांक ने खुद ही मोबाइल में इंटरनेट पर सर्च किया था। सायबर की टीम ने जब निशांक का फोन खंगाला तो सामने आया कि खुद निशांक ने मौत से कुछ दिन पहले से ही लगातार इस तरह के मैसेज सर्च किए थे, निशांक पर बहुत ज्यादा कर्ज था। उसने ऑनलाइन लोन ऐप से बड़ी रकम उधार ले रखी थी। पुलिस ने इस केस को सुसाइड ही माना था। अब SIT की जांच में भी यही बात निकलकर सामने आई है। रेल्वे ट्रैक के सामने कूदने से पहले निशांक ने अपने हाथ की नस भी काटी थी, निशांक का शव मिलने के बाद परिजनों ने इसे हत्या का मामला करार दिया था जिसके बाद पुलिस ने जांच में इसे सुसाइड बताया था, लेकिन इसके बाद भी परिजन नहीं माने, वही इस मामलें में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे, अब एसआईटी जांच में भी निशांक के सुसाइड की बात सामने आई है। पुलिस ने निशांक के भोपाल में घर से निकलने से लेकर रायसेन तक सीसीटीवी कैमरे से मिले विडीओ फुटेज भी चेक किए थे। जिसमें वह अकेले ही जाता नजर आ रहा था।