भोपाल। अल्तमश जलाल।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते एक पखवाड़े से लगातार नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। शहर के सभी धर्मों के लोग इन प्रदर्शनों में शामिल हो रहे हैं। इस मसले पर भोपाल शहर का़जी (धर्म गुरू) मुश्ताक अली नदवी ने आज प्रेस कांफ्रेंस में अपनी राय रखी। उन्होंने युवाओँ से विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा से दूर रहने और शांति से अपना विरोध दर्ज कराने की अपील की है। उन्होंने यह भी कहा है कि हमने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिखा है। जिसमें हमने उनसे अपील की है कि वह इस कानून के बारे में अपनी राय ज़ाहिर करें। बता दें सीएम कमलनाथ ने खुलकर CAA का विरोध नहीं किया है। उन्होंने कहा था कि जो कांग्रेस पार्टी का स्टैंड होगा वहीं उनका भी स्टैंड रहेगा।
शहर काज़ी मुशताक अली नदवी ने मीडिया से कहा कि, ”हम लगातार इस मसले पर अलग अलग संस्थाओं के साथ चर्चा कर रहे हैं। हमारे बड़ों से भी इस मामले पर विचार किया जा रहा है। काफी समय से ये सुनने में आ रहा है कि काज़ा साहब कुछ बोल नहीं रहे हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि हम लगातार इस मसले पर नज़र बनाए हुए हैं। हम सभी युवाओं से अपील करते हैं कि वह शांतिपूर्ण तरीके से इस कानून का विरोध करें। हम यह भी साफ कर देना चाहते हैं कि यह विरोध सिर्फ मुसलमानों से नहीं जुड़ा है। यह विरोध इस कानून के खिलाफ हो रहा है। जो भी लोग इसका विरोध कर रहे हैं वह कानून के दायरे में रहकर अपना एहतेजाज दर्ज कराएं हम उनके साथ हैं। लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि इस दौरान किसी भी तरह की हिंसा नहीं होनी चाहिए। और प्रदेश में जहां भी हिंसा हो रही हैं हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं।
ये मसला सिर्फ मुस्लिम का नहीं
जब शहर काज़ी साहब से पूछा गया कि उन्होंने पहले दिन से अपनी राय इस मसले पर क्यों नहीं रखी? तब उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा कि, ”यह मसला मुस्लिम और गैर मुस्लिम का नहीं है, यह मसला कानून का है। इसलिए हम कानून के जानकारों से इस बारे में विचार मंथन कर रहे थे। अगर हम पहले दिन बोलते तो यह माना जाता कि यह मसला मुस्लिमों का है। इसलिए हम आज मीडिया के जरिए अपनी बात रखना चाहते हैं कि हम इस मामले पर पहने दिन से नज़र रखे हुए हैं। हम चाहते हैं यह मसला जोश के साथ होश में रहकर हल किया जाए। अगर जिम्मेदार इस मसले पर फैसला नहीं करते हैं तो फिर हम सभी धर्म गुरुओँ को साथ लेकर तमाम सेकुलर पार्टियों को लेकर इस मसले पर चर्चा करेंगे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अभी तक मध्य प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून को लागू नहीं किए जाने का ऐलान नहीं किया है। दिल्ली में एक बैठक के दौरान उन्होंने ऐसे संकेत जरूर दिए थे कि इस कानून को वह प्रदेश में लागू नहीं करेंगे। लेकिन उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा था कि जो स्टैंड कांग्रेस पार्टी का रहेगा वही फैसला उनका भी होगा। शहर काज़ी ने कहा है कि सीएम अपनी राय का खुलकर इज़हार करें। बता दें पंजाब और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है जहां इस कानून को लागू नहीं करने का ऐलान दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने किया है।