भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में भर्ती परीक्षाओं को लेकर रविवार को छात्र सड़कों पर उतर आए, प्रदेशभर से बड़ी संख्या में बेरोजगार युवा और छात्र रविवार को भोपाल पहुंचे। राष्ट्रीय शिक्षित युवा संघ के बैनर तले गॉंधी जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर से इंदौर से शुरू हुई पदयात्रा आज 09 अक्टूबर को भोपाल के शाहजहांनी पार्क में समाप्त होनी थी, जिसे प्रशासन द्वारा भोपाल के बाहर ही रोक दिया गया व पदयात्रियों को पुलिस वाहनों में भरकर तितर-बितर कर अज्ञात स्थानों पर छोड़ दिया गया है। इससे पहले पुलिस ने भोपाल शहर आने वाले भुरी जोड़, भदभदा चौराहे और लालघाटी समेत अन्य सीमाओं पर बैरिकेड्स लगाकर छात्राओं को रोक दिया। प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। प्रदर्शनकारियों को पुलिस घसीटकर ले गई। प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर पुलिस वैन में ले जाया गया। युवा कांग्रेस का आरोप है कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया है।
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युवाओं ने की यह मांग
ओबीसी आरक्षण केस की नियमित सुनवाई शुरू हो और जल्द से जल्द निर्णय के लिए प्रयास किए जाए।
मध्य प्रदेश पीएससी की 2019 के परिणाम शीघ्र घेषित कर प्रक्रिया पूर्ण की जाए। इसी तरह राज्य सेवा 2020 मुख्य परीक्षा और 2021 प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम घोषित किए जाएं।
राज्य वन सेवा 2019, 2020 और 2021, राज्य इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा अतिशीघ्र पूर्ण की जाए।
एमपी पीएससी 2022 की सभी परीक्षाओं के नोटिफिकेशन अतिशीघ्र घोषित किए जाएं।
पीईबी द्वारा सभी बैकलॉग पदों सहित आगामी भर्ती परीक्षा कैलेण्डर जारी किया जाए।
प्रदेश के बिजली, स्वास्थ्य, पुलिस, एनआरएचएम के खाली पदों पर स्थायी नियुक्ति की जाए।
शिक्षक भर्ती वर्ग-1 और वर्ग-2 में पदों की वृद्धि कर द्वितीय काउंसलिंग शुरू की जाए।
एमपीटीईटी वर्ग 3 में पदों की संख्या 51 हजार की जाए।
एमपी ककांस्टेबल की 15 प्रतिशत वेटिंग के साथ मेरिट लिस्ट अतिशीघ्र जारी की जाए।
बढ़ाई गई सेवानिवृत्ति आयु को कम कर 58 वर्ष किया जाए।
संविदाा नियुक्ति पर पूर्ण रोक लगे, जिससे युवा को स्थायी रोजगार के अवसर बड़ सकें।
वेतन में 70, 80, 90 प्रतिशत का प्रावधान खत्म करके, पूर्व वेतन दिया जाए।
असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्तियां निकाली जाएं।
नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया खत्म की जाए।
पीईबी की किसी भी भर्ती में सिलेबस का प्रारूप रिवाइज किया जाए। जैसा पीएससी में है। इसमें एमपी से जुड़े सवालों को बढ़ाया जाए।
एमपी के युवाओं को नौकरी देने के सीएम शिवराज के 2020 के बयान पर आवश्यक कानूनी प्रावधान तैयार कर लागू किया जाए।