Employees Promotion : मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने है। विधानसभा चुनाव से पहले कर्मचारियों की मांग तेज हो गई है। इसके साथ ही सरकार द्वारा भी उनकी मांग को पूरा करने की कोशिश लगातार की जा रही है। एक तरफ जहां कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में जल्दी वृद्धि देखने को मिल सकती है। दूसरी तरफ कर्मचारियों को क्रमोन्नति का भी लाभ दिया जा सकता है। दरअसल बरसों से कर्मचारियों की क्रमोन्नति अटकी हुई है। 4 साल बीतने के बाद एक बार फिर से कर्मचारियों द्वारा इसकी मांग तेज हो गई है।
क्रमोन्नति के बारे में सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए
वरिष्ठ कर्मचारी नेता कौशल शर्मा के मुताबिक कर्मचारियों के क्रमोन्नति के बारे में सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को इंतजार करते-करते 4 साल का समय बीत चुका है। तत्काल प्रभाव से ही कर्मचारियों के क्रमोन्नति आदेश जारी किए जाने चाहिए, जबकि इस मामले में मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस के कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष सतीश शर्मा का कहना है कि सरकार शिक्षकों की मांगों को लगातार अनसुना किया जा रहा है। शिक्षकों में सरकार के प्रति असंतोष बढ़ता जा रहा है। क्रमोन्नति के आदेश सरकार द्वारा जल्द जारी किए जाने चाहिए।
4 साल बाद भी क्रमोन्नति का लाभ
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूल में कार्यरत अध्यापकों को तय तिथि से 4 साल बाद भी क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया गया है। विभाग की योजनाओं में फंसी क्रमोन्नति का इंतजार करते-करते अध्यापकों को 4 साल का समय बीत गया है। नवीन शिक्षक संवर्ग की क्रमोन्नति को मांग को लेकर शासन द्वारा गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। जिस पर अब कर्मचारी संघ द्वारा एक बार फिर से मांग तेज कर दी गई है।
मध्यप्रदेश में तय तिथि के बाद 4 साल बीतने को है और क्रमोन्नति का लाभ नहीं मिला है। जिससे शिक्षकों में सरकार के प्रति असंतोष की भावना देखने को मिल रही है। सरकार द्वारा शिक्षकों को लगातार आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है। 12 साल की सेवा पूर्ण करने पर मध्यप्रदेश में शिक्षकों को प्रोन्नति का प्रावधान है। प्रदेश में हजारों शिक्षक जुलाई 2018 में ही क्रमोन्नति के लिए पात्र हो गए हैं। लेकिन अब तक उन्हें इसका लाभ नहीं दिया गया है। नए नियम और तत्कालीन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई है।
क्रमोन्नति के लिए दिया जा चुका है ज्ञापन
वहीं कई बार कर्मचारियों द्वारा सरकार को क्रमोन्नति के लिए ज्ञापन भी दिया जा चुका है लेकिन अब तक सरकार की तरफ से किसी भी तरह की प्रक्रिया सामने नहीं आई है। बता दे कि नवीन शिक्षक संवर्ग को जुलाई 2018 और उसके बाद की गई क्रमोन्नति की कार्रवाई प्रमुख सचिव,, मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के 27 जुलाई 2019 के पत्र से संबंधित है। जिसमें सभी जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए थे। जुलाई 2018 और उसके बाद 12 साल की सेवा पूर्ण करने पर कार्रवाई किए जाने का स्पष्ट उल्लेख किया गया था। 12 साल की सेवा की गणना के लिए संविदा शिक्षक की सेवा अवधि को भी गणना मिलाये जाने का उल्लेख किया गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्त किए गए शिक्षकों को 1 जुलाई 2018 और इसके बाद पूर्ण की गई। अवधि में क्रमोन्नति वेतनमान पर लोक शिक्षण आयुक्त के 8 मार्च 2021 के पत्र द्वारा इसे स्थगित कर दिया गया था। वही कर्मचारियों द्वारा एक बार फिर से क्रमोन्नति की मांग तेज की गई है। माना जा रहा है कि सरकार विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षकों के हित में क्रमोन्नति पर भी कुछ महत्वपूर्ण फैसला ले सकती हैं।